लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के इस दौर में भले ही शहरी इलाकों में मांग और रोजगार घटी हो लेकिन ग्रामीण इलाकों में लोगों की खपत में इजाफा देखा जा रहा है. ग्रामीण इलाकों में बढ़ी इस खपत को अगली तीन-चार तिमाहियों में अर्थव्यवस्था की उम्मीद माना जा रहा है. यही वजह है कि पैकेज्ड कंज्यूमर गुड्स कंपनियां ग्रामीण इलाकों में अपने प्रोडक्ट की पहुंच बढ़ाने के लिए तमाम तरीके आजमाने लगी हैं.


रूरल मार्केट में प्रीमियम प्रोडक्ट छोटे पैक में उतारने की तैयारी


एफएमसीजी कंपनियां रूरल मार्केट में अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग पर पूरा जोर दे रही हैं. ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के एमडी वरुण बेरी के मुताबिक मनरेगा में बढ़े काम, रिवर्स माइग्रेशन और सरकार की ओर से किसानों, कामगारों की ओर से चलाई जा रही स्कीमों की वजह से ग्रामीण इलाकों में लोगों के पास पैसा आ रहा. इसका असर लोगों की बढ़ी हुई खपत क्षमता के तौर पर दिख रहा है. रूरल मार्केट शहरी मार्केट की तुलना में तीन गुना रफ्तार से बढ़ रहा है. बेरी का कहना है कि उनकी कंपनी महंगे और प्रीमियम प्रोडक्ट को छोटे पैकेट में बाजार में उतारने की योजना बना रही है ताकि ग्राहक बढ़ाए जा सकें.


अच्छे मानसून की वजह से और चमकेगा रूरल मार्केट 


सोमवार को केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया कि दक्षिण पश्चिम मानसून की वजह से बारिश छह साल के ऊंचे स्तर पर है. अच्छे मानसून से पैदावार बढ़ने की उम्मीद ने ग्रामीण इलाकों में खपत को बढ़ावा दिया है.डाबर जैसी कंपनियों ने रूरल मार्केट में अपनी मौजूदगी बढ़ाने और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क मजबूत करने की बड़ी तैयारी की है. डाबर ने अपना रूरल नेटवर्क और 20 हजार गांवों तक बढ़ाने की योजना बनाई है. मार्च, 2019 तक डाबर के नेटवर्क में 44 हजार से भी अधिक गांव थे.