भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) से कहा है कि वे फ्लोटिंग रेट लोन लेने वालों को उनके बोर्ड द्वारा अप्रूव के मुताबिक लोन को रीसेट करते समय करते समय तय दर ब्याज दरों पर जाने का विकल्प प्रदान करें. 18 अगस्त का जारी एक नोटिफिकेशन में आरबीआई ने कहा है कि लोन रीसेट के दौरान कर्जदार ईएमआई में बढ़ोतरी, टेन्योर बदलने और फिक्स्ड रेट्स पर लोन चुनने का विकल्प होगा.


केंद्रीय बैंक ने बैंकों और एनबीएफसी से कहा है कि फ्लोटिंग रेट लोन लेने वालों को समान मासिक किस्त (ईएमआई) या कार्यकाल बढ़ाने या कार्यकाल के दौरान किसी भी समय पूरी राशि या उसके एक हिस्से का प्रीपेमेंट करने का विकल्प पेश करने के लिए कहा है.   


फ्लोटिंग रेट से मिलेगी कर्जदारों को राहत! 


केंद्रीय बैंक ने नोटिफिकेशन में कहा है कि लोन टेन्योर के दौरान किसी भी समय आंशिक या पूर्ण रूप से प्रीपेमेंट का विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि जुर्माना और फौजदारी चार्ज लगाना मौजूदा निर्देशों के अधीन होगा. आरबीआई के इस कदम से उच्च ब्याज दरों के प्रभाव से परेशान कर्जदारों के लिए ये राहत होगी. फ्लोटिंग रेट से कार लोन और पर्सनल लोन लेने वालों को भी राहत मिलने की संभावना है. 


नए कर्जदारों को बताने के लिए 31 दिसंबर तक का वक्त 


बैंकों और एनबीएफसी को मौजूदा और नए लोन उधारकर्ताओं तक इन विकल्पों का विस्तार करने के लिए 31 दिसंबर, 2023 तक का समय दिया है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि सभी मौजूदा उधारकर्ताओं को उचित चैनलों के माध्यम से उनके लिए उपलब्ध विकल्पों के बारे में सूचित किया जाएगा. 


बैंकों को देनी होगी पूरी जानकारी 


केद्रीय बैंक ने कहा कि एनएफएससी और बैंकों को लोन रेट में बदलाव और फ्लोटिंग रेट चुनने से उनके ईएमआई पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसकी जानकारी देनी होगी. वहीं बीच में कोई परिवर्तन होता है तो इसकी भी जानकारी देनी होगी. इसके अलावा अगर किसी तरह का चार्ज वसूला जाता है तो इसकी भी जानकारी ईमेल और एसएमएस के माध्यम से देनी होगी. 


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