RBI Monetary Policy: आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के पहले द्विमासिक कर्ज नीति का ऐलान करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार रखा है. लेकिन आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध पर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे आर्थिक विकास की गाड़ी पटरी से उतर सकती है. आरबीआई गर्वनर ने 2022-23 के लिए आर्थिक विकास दर 7.2 फीसदी रहने का लक्ष्य जताया है. 


जब हम कोरोना महामारी से बाहर आ रहे थे. लेकिन 24 फऱवरी को शुरू हुए युद्ध ने हमारे सामने कई चुनौतियां पेश कर दी है. यूरोप में जो कॉनफिक्ट है वो दुनिया के आर्थिक विकास को पटरी से उतारने की क्षमता रखता है. कमोडिटी के दामों में लगातार तेजी देखी जा रही है जिसमें कच्चा तेल, गैस, एल्युमिनियन, खाद, खाने के तेल शामिल है. इसके चलते महंगाई दर का जो लक्ष्य रखा था वो पीछे छूट गया है. 


आरबीआई गर्वनर ने कच्चे तेल के दामों को लेकर कहा है कि इस वर्ष भारत के लिए कच्चे तेल के खऱीद मुल्य बॉस्केट 100 डॉलर रह सकता है जिसके आधार पर आरबीआई ने 2022-23 में खुदरा महंगाई दर 5.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. 2021-22 के लिए आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य 4.5 फईसदी रखा था. यानि आरबीआई भी मान रहा कि आने वाले दिनों में महंगाई लोगों को परेशान कर सकती है. 


आरबीआई गर्वनर ने बाजार को भरोसा दिलाया कि नगदी उपलब्ध कराना आरबीआई की प्राथमिकता रहेगी. 


 


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