Public Provident Fund Scheme: देश के करोड़ों लोगों के लिए पोस्ट ऑफिस से तरह-तरह की स्कीम लेकर आती रहती है. आज हम आपको पोस्ट ऑफिस की एक ऐसी स्कीम के बारे में बताने वाले हैं जिसमें निवेश करके आप लंबी अवधि में मोटी रकम प्राप्त कर सकते हैं. इस स्कीम का नाम है पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund). यह एक सरकारी स्कीम है जो बाजार जोखिमों से अलग है. इसमें निवेश करके आप लंबे समय में करोड़ों का फंड प्राप्त कर सकते हैं.


पब्लिक प्रोविडेंट फंड की खास बातें जानें-


पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund Scheme Details) के तहत आप देश के किसी भी पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवा सकते हैं. यह स्कीम सुरक्षित निवेश का ऑप्शन है जिसमें रिटर्न की गारंटी सरकार द्वारा मिलती है. इस स्कीम के तहत आपको जमा राशि पर 7.1 फीसदी के हिसाब से कंपाउंडिंग ब्याज दर का फायदा मिलता है. इसमें निवेशक 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक का निवेश एक वित्त वर्ष में कर सकता है. पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी 15 साल में होती है, जिसमें आप निवेश की अवधि को 5-5 साल के लिए बढ़ा सकते हैं.


किस तरह निवेश करने पर बन सकते हैं करोड़पति


पोस्ट ऑफिस की पीपीएफ के जरिए अगर आप करोड़ों का फंड बनाना चाहते हैं तो हर महीने 12,500 रुपये का निवेश करें. अगर आप इतना निवेश 15 साल तक लगातार करते हैं तो मैच्योरिटी तक आपको कुल 40.68 लाख रुपये मिलेंगे. इसमें से 22.50 लाख रुपये निवेश की गई राशि है और बाकी ब्याज का अमाउंट होगा. वहीं अगर आप इस खाते को 5-5 साल के लिए कुल दो बार आगे बढ़ाते हैं तो आपको 25 साल के बाद कुल 1.03 करोड़ रुपये का फंड मिलेगा. इसमें से निवेश की गई राशि 37.05 लाख और ब्याज की राशि 65.58 लाख रुपये है.


मिलता है टैक्स छूट का लाभ


पोस्ट ऑफिस की पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश के कई फायदे हैं. सबसे बड़ा लाभ यह है कि आपको इसमें निवेश की गई राशि पर इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट मिलती है. इसके साथ ही पीपीएफ अकाउंट में जमा कुल राशि के बदले आप 3 साल के बाद लोन भी प्राप्त कर सकते हैं. यह लोन कुल जमा रकम का 75 फीसदी तक हो सकता है. वहीं अगर आपको अचानक पैसों की जरूरत पड़ गई है तो आप इन पैसे का आंशिक विड्रॉल भी कर सकते हैं.


ये भी पढ़ें-


Loan Rate Hike: रेपो रेट स्थिर रहने के बावजूद भी इस सरकारी बैंक ने बढ़ाया MCLR, जानें ग्राहकों पर कितना बढ़ा EMI का बोझ