Loan Costly: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गुरुवार को हुई मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव न करने का फैसला किया. ऐसे में रेपो रेट 6.50 फीसदी पर स्थिर है. हालांकि इसके बाद भी देश के एक बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है. यह बैंक है बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda). BOB ने अपने MCLR में 5 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. नई दरें शनिवार यानी 12 अगस्त 2023 से लागू हो जाएंगी.


बढ़ेगा ईएमआई का बोझ-


बैंक ऑफ बड़ौदा ने एमसीएलआर में बढ़ोतरी के ऐलान के बाद से बैंक के ग्राहकों को ईएमआई की ब्याज दरों का बोझ बढ़ेगा. पर्सनल लोन, कार लोन, होम लोन आदि की मंथली ईएमआई बढ़ जाएगी क्योंकि यह सभी बैंक के MCLR से सीधा प्रभावित होती है. इस बढ़ोतरी के ओवरनाइट MCLR बढ़कर 7.95 फीसदी तक पहुंच गया है. वहीं एक महीने की अवधि का एमसीएलआर 8.20 फीसदी, तीन महीने का MCLR 8.30 फीसदी और छह महीने का MCLR 8.40 फीसदी तक पहुंच गया है. वहीं एक साल का MCLR अब 8.65 फीसदी तक पहुंच गया है. यह नई दरें कल से लागू हो जाएगी.


क्या होता MCLR?


जब भी बैंक किसी ग्राहक को लोन देता है तो वह ब्याज दर मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट पर वसूलता है. ऐसे में अगर बैंक MCLR में बढ़ोतरी करता है तो इसका सीधा असर बैंक के उन ग्राहकों पर पड़ता है जिन्होंने बैंक से लोन ले रखा है. इससे उनकी मंथली ईएमआई में बढ़ोतरी होती है. वहीं MCLR में कटौती पर लोन की ब्याज दरों में कमी आती है. बैंकों का MCLR आमतौर पर आरबीआई की रेपो रेट पर निर्भर करता है. रेपो रेट में बढ़ोतरी का सीधा असर बैंक के MCLR पर पड़ता है.


इन बैंकों ने भी हाल ही बढ़ाया MCLR-


बैंक ऑफ बड़ौदा के अलावा एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) भी अपने MCLR में हाल में 15 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. यह दरें 7 अगस्त, 2023 से लागू हो चुकी हैं. इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी MCLR में बढ़ोतरी की है. यह नई दरें 1 अगस्त, 2023 से लागू हो चुकी हैं.


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