Investment In Pakistan: समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू और कश्मीर के निवासियों का हाल के समय में पड़ोसी देश पाकिस्तान के कुछ शहरों में तेजी से निवेश बढ़ रहा है. जैसा कि काफी समय से जानकारी है कि पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद खस्ता है और ये देश कंगाली की कगार पर खड़ा है. ऐसे मे ये रिपोर्ट आना कि जम्मू और कश्मीर के निवासियों ने पाकिस्तान के शहरों जैसे इस्लामाबाद, लाहौर, कराची और अन्य शहरों में भी अरबों का निवेश किया है, चिंता का सबब हो सकती है. दरअसल पाकिस्तान के मीडिया सियासत डेली ने इस खबर को छापा है.


कहां की है ये रिपोर्ट


सियासत डेली की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि पाकिस्तान में इस समय काफी सारे स्कैम हो रहे हैं और इसके चलते निवेशक अपना पैसा खो ही रहे हैं क्योंकि वहां माफिया काफी ताकतवर हैं.


रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के कुछ महीनों में संगठित ग्रुप्स ने दर्जनों कश्मीरियों की हत्या कर दी है लेकिन ना तो पाकिस्तानी अधिकारियों, ना गिलगित-बाल्टिस्तान और पाक अधिकारियों ने इस बात का कुछ संज्ञान लिया है और ना ही इन अपराधों पर लगाम लगाने की कोशिश की है. हालांकि कल ही एक पाकिस्तानी विशेषज्ञ ने इस बात पर जोर दिया है कि कम उत्पादकता, निचली आर्थिक ग्रोथ और कमजोर पब्लिक हेल्थ सर्विसेज के चलते पाक नागरिकों को लंबे समय तक इस तरह की दिक्कतों को झेलना पड़ेगा और उनके लिए ये मुद्दे ज्यादा बड़े हैं ना कि ये बात की मौजूदा संघर्षों में कौन जीतता है.


पाकिस्तान की आर्थिक हालत खस्ताहाल


जैसा कि ये बात सबको पता है कि पाकिस्तान की आर्थिक हालत और वित्तीय तस्वीर दोनों बहुत खराब हैं. ये पड़ोसी देश कंगाली की कगार पर खड़ा है और मार्च 2023 में इसकी महंगाई दर उछलकर 35 फीसदी पर आ गई थी. इसके अलावा वहां पब्लिक सब्सिडी वापस ली जा रही हैं और हर चीज के महंगे टैरिफ के साथ-साथ पाकिस्तानी रुपये की लगातार गिरती कीमत भी इसके लिए मुसीबत का सबब बनी हुई हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को सुरक्षित रखने की कवायद में पाक सरकार इन सब हथकंडो को अपना रही है. 


पाकिस्तान के वित्तीय आंकड़े बेहद खराब


पाकिस्तान में खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई दर 47 फीसदी तक जा पहुंची है और यहां तक कि पाकिस्तान के अमीर और धनाढ्य घराने भी अपने जीने के तरीकों को बदलने पर मजबूर हो गए हैं क्योंकि उन्हें भी लगातार बढ़ती कीमतों के मोर्चे पर लड़ाई लड़नी है. पाकिस्तान को उम्मीद है कि इस चालू वित्त वर्ष के दौरान उसकी आर्थिक विकास दर (जीडीपी) 2 फीसदी की दर से विकास हासिल करेगी. हालांकि हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान के ग्रोथ रेट की उम्मीद को 2 फीसदी से घटाकर 0.4 फीसदी कर दिया था.  


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