NSE Transaction Charge: शेयर बाजार के निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज माने जाने वाले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज  ने शेयर बाजार में कैश ट्रांजैक्शन और डेरिवेटिव्स सेगमेंट में ट्रेडिंग पर लगने वाले चार्ज में कटौती करने का फैसला किया है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का ये फैसला एक अप्रैल 2024 से लागू होगा. एमएसई के बोर्ड ने ट्रांजैक्शन चार्ज में कटौती करने पर अपनी मुहर लगा दी है. 


मौजूदा समय में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज इक्विटी के कैश सेगमेंट में ट्रेड करने पर 0.00325 फीसदी चार्ज है जबकि एनएसई की प्रतिद्वंदी एक्सचेंज बीएसई कैश में इक्विटी ट्रेड पर 0.00375 फीसदी चार्ज वसूलता है. फ्यूचर में ट्रेड पर एनएसई 0.0019 फीसदी ट्रांजैक्शन चार्ज लगता है जबकि ऑप्शन ट्रेंड पर ये चार्ज 0.05 फीसदी है. 


नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के ट्रांजैक्शन चार्ज में कटौती के फैसले से सालाना रेवेन्यू में 130 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. 2023-24 के पहले नौ महीने में एनएसई को ट्रांजैक्शन चार्ज से 8330 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ है जो कि पिछले वित्त वर्ष के समान अवधि से 16 फीसदी ज्यादा है.     


ये माना जा रहा है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के ट्रांजैक्शन चार्ज में कटौती के इस फैसले से एनएसई पर ट्रेड वॉल्यूम बढ़ेगा. आने वाले दिनों में शेयर बाजार में निवेशकों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ट्रेडिंग बढ़ेगी. विदेशी निवेश में इजाफे के संकेत हैं तो ट्रांजैक्शन चार्ज में कमी से रिटेल से लेकर विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी जिससे एनएसई का ट्रेड वॉल्यूम बढ़ेगा. 


ये माना जा रहा कि एनएसई के प्रतिद्वंदी स्टॉक एक्सचेंज बीएसई पर इक्विटी डेरिवेटिव्स वॉल्यूम में जोरदार उछाल आया है खासतौर से पिछले तिमाही में इसमें इजाफा देखने को मिला है जिससे एनएसई के वर्चस्व को चुनौती मिल रही है. यही कारण है कि एनएसई को अपने वर्चस्व को बनाये रखने के लिए ट्रांजैक्शन चार्ज में कटौती करने का फैसला लेना पड़ा है जिसकी भरपाई वॉल्यूम ग्रोथ से की जा सकेगी. 


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