Nirmala Sitharaman on GST Rate Hike: अस्पतालों के बेड पर जीएसटी लगाने के फैसले पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में सफाई दी है. वित्त मंत्री ने कहा कि अस्पताल के बिस्तर या आईसीयू पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया है. बल्कि केवल ऐसे अस्पताल के कमरे जिनका का किराया 5,000 रुपये प्रति दिन है केवल उसी पर जीएसटी लगाया गया है. राज्यसभा में महंगाई पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने ये बातें कही है. 


अस्पतालों (Hospitals) में इलाज अब महंगा हो गया है. दरअसल 28 से 29 जून को जीएसटी काउंसिल ( GST Council) की 47वीं बैठक में ( Non-ICU Rooms)  जिसका किराया 5,000 रुपये प्रति दिन से ज्यादा है उसपर 5 फीसदी जीएसटी ( GST) लगाने का निर्णय लिया गया था. जो 18 जुलाई, 2022 से लागू हो चुका है. हालांकि जीएसटी काउंसिल के इस निर्णय की कड़ी आलोचना भी हो रही है.  जिसके बाद वित्त मंत्री ने सफाई पेश की है.


महंगा होगा इलाज
हेल्थकेयर इंडस्ट्री से लेकर हॉस्पिटल एसोसिएशन और दूसरे स्टेकहोल्डर्स लगातार सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग करते रहे हैं. उनका कहना है कि अस्पतालों के बेड पर जीएसटी लगाने के फैसले के चलते लोगों के लिए इलाज कराना महंगा हो जाएगा. साथ ही इससे हेल्थकेयर इंडस्ट्री के सामने कम्पलायंस ( Compliance) से जुड़े मुद्दे खड़े हो जायेंगे क्योंकि हेल्थकेयर इंडस्ट्री ( Healthcare Industry) को अब तक जीएसटी से छूट मिली हुई थी.    


जीएसटी लगाने का असर 
मान लिजिए एक दिन के अस्पताल के बेड का किराया 5,000 रुपये है तो उसपर 250 रुपये जीएसटी चुकाना होगा. अगर किसी मरीज को अस्पताल में दो दिन रुकना पड़ा कमरे का किराया 10,000 रुपये और जीएसटी के साथ 10.500 रुपये देना होगा. जितना अधिक दिन मरीज को अस्पताल में रुकना होगा उतना इलाज महंगा होता चला जाएगा.


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