Bastar: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर संभाग में अब अबूझमाड़ और पिछड़े क्षेत्र के बच्चे भी स्कूली शिक्षा ले रहे हैं, दरअसल सरकार ने संभाग के सातों जिलों के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सली दहशत की वजह से बंद करीब 260 स्कूलों को फिर से खोल दिया है, जिससे अब इन इलाकों के बच्चे भी स्कूल पहुंच रहे हैं.


यहां  पिछले दो दशकों से नक्सली दहशत की वजह से  स्कूल पूरी तरह से बंद थे. इसके अलावा यहां कई ऐसे पिछड़े गांव भी हैं, जहां आजादी के 70 सालों के बाद भी स्कूल नहीं है, लेकिन इस नए सत्र से अब इन क्षेत्रों में स्कूल खुलने से अब यहां के बच्चे भी स्कूल की शिक्षा ले रहे हैं. स्कूलों के खुलने से बच्चों के अभिभावकों में काफी खुशी है.


नक्सली दहशत की वजह से 20 सालों से बंद थे स्कूल 
नक्सलवाद की वजह से सबसे पिछड़े क्षेत्र में गिने जाने वाले बस्तर संभाग के नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर में स्कूल की पढ़ाई फिर से शुरू हो गई है, दरअसल इस क्षेत्र में पिछले 20 सालों से अपनी पैंठ जमाए बैठे नक्सलियों ने कई स्कूल भवनों को तोड़ दिया था और कई भवनों को ब्लास्ट कर उड़ाया था, जिस वजह से दोबारा इन जगहों में कभी स्कूल नहीं बने और जो स्कूल बचे, वहां दहशत के मारे कभी कक्षाएं नहीं लगीं.


लेकिन पिछले कुछ सालों में नक्सलियों के खिलाफ लगातार चलाए गए अभियानों से नक्सली बैकफुट पर चले गए हैं, यही वजह है कि अब यहां के 260 स्कूलों को फिर से खोला गया है, इसके अलावा कुछ इलाकों में नए स्कूल भी बनाए गए हैं.


प्रशासन और पुलिस की मदद से दोबारा खोले जा रहे स्कूल


बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि बस्तर पुलिस योजना बनाकर इन इलाकों में  काम कर रही है जिसका फायदा पुलिस को मिल रहा है और यही वजह है कि पिछले कुछ सालों से ग्रामीणों का पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है और  ग्रामीण भी अब नक्सलियों का साथ छोड़ पुलिस का साथ दे रहे हैं.


उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में नक्सलियों ने तबाही मचाई है उन इलाकों में दोबारा जिला प्रशासन के सहयोग से विकास कार्य किया जा रहा है और उसी के तहत नक्सलियों के द्वारा तोड़े गए स्कूल भवनों को दोबारा बनाया गया है. आईजी ने कहा कि कुछ इलाकों में आजादी के 70 साल बाद स्कूल  बनाए गए हैं ताकि वहां के बच्चे भी अब स्कूल जाकर पढ़ाई कर सकें. आईजी का कहना है कि अभी भी संभाग के कुछ ऐसे इलाके हैं जहां पर नक्सली दहशत फैला कर रखे हैं और वहां स्कूल भवन नहीं खुल पाए हैं, उन जगहों को भी चिन्हित कर प्रशासन के साथ पुलिस के जवान पूरी तरह से मुस्तैद होकर बंद हुए स्कूलों को दोबारा शुरू करने के प्रयास में जुटे हुए हैं.


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