National Highway: केंद्र की मोदी सरकार नेशनल हाइवे के निर्माण में तेजी को लेकर अपनी पीठ थपथपाती रही है. लेकिन वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान हाइवे कंट्रक्शन की गति में 7 से 10 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. केयरएज रेटिंग्स ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि नेशनल हाइवे के निर्माण में खड़ी होने वाली चुनौतियों के चलते कंस्ट्रक्शन की रफ्तार धीमी पड़ सकती है. 


केयरएज रेटिंग्स (CareEdge Ratings) ने देश के सड़क और हाइवे सेक्टर और उसके आउटलुक को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में नेशनल हाइवे के कंट्रक्शन की रफ्तार घटकर 31 किलोमीटर प्रति दिन रह जाएगी जो कि 2023-24 में 34 किलोमीटर प्रति दिन रही थी. जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में 28 किलोमीटर प्रति दिन के रफ्तार से हाइवे कंस्ट्रक्शन देखने को मिला था. वित्त वर्ष 2020-21 में 37 किलोमीटर प्रति दिन के रफ्तार से हाइवे का कंस्ट्रक्शन हुआ था.   


केयरएज रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोविड 19 के बाद खासतौर से वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 में सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर जोर देने के चलते प्रोजेक्ट अवार्ड्स में भारी उछाल देखने को मिला. इस अवधि में बीते पांच सालों में कुल आवंटित प्रोजेक्ट्स का 50 फीसदी प्रोजेक्ट आवंटित किया गया था. लेकिन 2023-24 के दौरान प्रोजेक्ट अवार्ड घटने लगी और इसमें पूर्व के वित्त वर्ष के मुकाबले 31 फीसदी की कमी आ गई जो कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लक्ष्य 13,290 किलोमीटर से काफी कम है. 


रिपोर्ट के मुताबिक प्रोजेक्ट आवंटन में कमी उम्मीद से ज्यादा देखी गई है और ये भारतमाला परियोजना ( Bharatmala Pariyojana) के तहत आवंटित प्रोजेक्ट्स के रिवाइज्ड लागत को कैबिनेट से मंजूरी देने में देरी के चलते हुई है. लोकसभा चुनावों और उसके चलते लागू होने वाले आचार संहिता के कारण 10 से 15 फीसदी प्रोजेक्ट्स अवार्ड में देरी हुई है. केयरएज रेटिंग्स का कहना है कि वित्त वर्ष 2023-24 में हाइवे कंट्रक्शन घटकर 12,350 किलोमीटर रहने का अनुमान है और 2024-25 में ये घटकर 11,100 से लेकर 11,500 किलोमीटर रह जाएगा.  


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