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Khadi India: खादी और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की भारी मांग के चलते सेल्स में रिकॉर्ड उछाल, 2022-23 में 1,34,623 करोड़ रुपये की बिक्री
Khadi India Update: मोदी सरकार के कार्यकाल में देश में खादी और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी आई है.
![Khadi India: खादी और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की भारी मांग के चलते सेल्स में रिकॉर्ड उछाल, 2022-23 में 1,34,623 करोड़ रुपये की बिक्री KVIC Sales Jumps By 332 Percent in 9 Years To 134623 Crore Rupees Due TO PM Modi Push For Khadi India Khadi India: खादी और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की भारी मांग के चलते सेल्स में रिकॉर्ड उछाल, 2022-23 में 1,34,623 करोड़ रुपये की बिक्री](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/08/c471bc97a0616a307c086b0eac085e021686236373576267_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Khadi India Record Sales: हाल के वर्षों में खादी से जुड़े प्रोडक्ट्स की जबरदस्त मांग बढ़ी है खासतौर मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से. इसी का नतीजा है पिछले नौ वर्षों में पिछले 9 वित्त वर्षों में, ग्रामीण क्षेत्र के कारीगरों द्वारा बनाये गए स्वदेशी खादी उत्पादों की बिक्री में 332 फीसदी की जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है. वित्त वर्ष 2013-14 में जहां खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का कारोबार 31154 करोड़ रुपये का हुआ करता था वो वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1,34,630 करोड़ रुपये के स्तर पर जा पहुंचा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद खादी और उससे जुड़े उत्पादों के सबसे बड़े ब्रांड अम्बैसडर रहे हैं. खादी को बढ़ावा देने की लगातार वकालत करते रहे हैं. जिसका नतीजा है कि पहली बार केवीआईसी (KVIC) के उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है. इसी तरह से ग्रामीण क्षेत्र में केवीआईसी ने 9,54,899 नये रोजगार का सृजन भी किया है.
खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश और विदेश में हर मंच से खादी का प्रचार-प्रसार किया है, जिससे आज खादी लोकप्रियता के नये शिखर पर पहुंच चुकी है. आज खादी उत्पादों की गिनती विश्व के सबसे विश्वसनीय ब्रांडों में होती है. वित्त वर्ष 2013-14 से 2022-23 में खादी और ग्रामोद्योग के प्रोडक्ट्स के उत्पादन में जहां 268 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं बिक्री ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 332 प्रतिशत के आंकड़े को छू लिया है. जिससे पता लगता है कि मेक इन इंडिया, वोकल फॉर लोकल और स्वदेशी उत्पादों पर देश की जनता का भरोसा बढ़ा है.
वित्त वर्ष 2013-14 में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का उत्पादन जहां 26,109 करोड़ रुपये था वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में यह 268 फीसदी के उछाल के साथ 95957 करोड़ रुपये पहुंच गया. पिछले 9 वर्षों में खादी कपड़ों के उत्पादन में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली है. वित्त वर्ष 2013-14 में जहां खादी कपड़ों का उत्पादन 811 करोड़ रुपये था वहीं 260 फीसदी के उछाल के साथ यह वित्त वर्ष 2022-23 में 2916 करोड़ रुपये के आंकड़े पर पहुंच गया, जो कि अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
खादी के कपड़ों की मांग भी तेजी से बढ़ी है. वित्त वर्ष 2013-14 में जहां इसकी बिक्री सिर्फ 1081 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में 450 फीसदी के उछाल के साथ 5943 करोड़ रुपये पहुंच गई. कोविड-19 के बाद पूरी दुनिया में ऑर्गेनिक कपड़ों की मांग बढ़ी है. इसके कारण खादी के कपड़ों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है.
खादी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में भी सफलता मिली है. वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 5,62,521 नए रोजगार का सृजन हुआ था, वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में यह 70 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9,54,899 पहुंच गया. वित्त वर्ष 2013-14 से अब तक इनके पारिश्रमिक में 150 फीसदी से अधिक की वृद्धि हो चुकी है. हाल ही में, 1 अप्रैल, 2023 से खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में 33 फीसदी से अधिक की वृद्धि की गई है.
2 अक्टूबर 2022 को नई दिल्ली के कनाट प्लेस स्थित केवीआईसी के फ्लैगशिप खादी भवन की बिक्री ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. पीएम मोदी की अपील पर खादी को पसंद करने वालों ने एक दिन में, पहली बार 1.34 करोड़ रुपये की खादी और ग्रामोद्योगी उत्पाद खरीद कर नया कीर्तिमान बना दिया.
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