Kharif Sowing Down Paddy Area in India : देश में इस साल खरीफ अनाज (Kharif Crops) के उत्पादन में गिरावट देखी जा सकती है. आपको बता दे कि खरीफ फसलों ने लगातार 6 साल तक नए रिकॉर्ड कायम किये है, लेकिन इस बार धान और दलहनों की बुवाई में गिरावट के कारण इनका उत्पादन घटने की आशंका है. 


1.5 फीसदी कम हुई बुवाई 
देश में धान के सबसे बड़े उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल में धान का रकबा सालाना आधार पर 12.5 फीसदी कम हुआ है. इस साल बारिश कम होने के चलते धान की बुवाई काफी प्रभावित रही है. मौजूद आंकड़ों के अनुसार 1 साल पहले के मुकाबले बुवाई 1.5 फीसदी कम हुई है और धान के रकबे में 6 फीसदी की गिरावट देखी गई है. 


घटेगा चावल का उत्पादन 
ट्रेड एस्टीमेट्स (Trade Estimates) के अनुसार वर्ष 2022-23 फसल सत्र (जुलाई-जून) में चावल का उत्पादन पिछले साल के रिकॉर्ड स्तर 12.9 करोड़ टन से 60 लाख-1 करोड़ टन तक घटने के आसार है. अगर खरीफ फसलों का उत्पादन गिरा तो महंगाई बढ़ेगी. मालूम हो कि देश में सबसे अधिक चावल की पैदावार इस सत्र में होती है. 


कई राज्यों में धान हुआ कम 
सरकारी आंकड़ों के अनुसार धान, दलहन, तिलहन, कॉटन और मोटे अनाजों की बुवाई 10.45 करोड़ हेक्टेयर में हुई है. वही पिछले साल यह आंकड़ा 10.61 करोड़ हेक्टेयर रहा था. इस साल धान की बुवाई 3.67 करोड़ हेक्टेयर में हुई है जबकि 2016-17 और 2020-21 के बीच खरीफ धान की बुवाई औसतन 3.97 करोड़ हेक्टेयर में हुई है.


गेहूं के बाद चावल संकट
गेहूं (Wheat) के बाद अब दुनियाभर में चावल ( Rice) का संकट पैदा होने की आशंका थी. दरअसल देश के कई इलाकों में बारिश नहीं होने के चलते धान की बुआई पर असर पड़ा था, जिसके चलते इस वर्ष चावल के उत्पादन में बड़ी कमी हुई. भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है.


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