Acid Rain: आपने तेजाबी बारिश के बारे में जरूर सुना होगा.यह भी सुना होगा कि इसकी वजह से ताजमहल जैसी खूबसूरत इमारत पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. लेकिन क्या आपको पता है कि इसके होने का कारण क्या है.अपने इस आर्टिकल के जरिए हम आपको तेजाबी बारिश के बारे में बताएंगे-


तेजाबी बारिश क्या है-


जब बारिश के पानी में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तब इसे अम्ल वर्षा या तेजाबी बारिश कहते हैं. बारिश के पानी का तेजाबी होने में इंसानों का बड़ा हाथ है. इनके द्वारा उद्योगों और अन्य जरिए से वायुमंडल में सल्फर ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड का अधिक उत्सर्जन से होता है.


जब यह गैसें वायुमंडल में पहुंचती हैं तब पानी से रासायनिक क्रिया करके सल्फेट और सल्फ्यूरिक एसिड बनाती हैं. जब यह एसिड बारिश के रूप में धरती पर पहुंचता है तब इसे तेजाबी बारिश का नाम दिया जाता है. इसके अलावा कार्बन डाइऑक्साइड जो वायुमंडल में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है वह भी पानी के साथ क्रिया करके कार्बनिक एसिड बनाता है जिसकी वजह से तेजाबी बारिश होती है.


तेजाबी बारिश के मुख्य कारण-


तेजाबी बारिश मुख्य रूप से मानवीय कारणों से होती है.उद्योगों और वाहनों में प्रयोग होने वाले पेट्रोलियम  से निकलने वाली गैसों ( सल्फर ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड) के प्रभाव से तेजाबी बारिश होती है. इसके अलावा कोयला के दहन से भी सल्फर निकलता है जो वर्षा के पानी को प्रभावित करता है. एयर कंडीशनर, विद्युत संयंत्र और भी ऐसे ही कारण है जो तेजाबी बारिश के लिए जिम्मेदार है.


तेजाबी बारिश के प्रभाव-



  • ताजमहल के आस-पास के क्षेत्र में स्थित कारखानों से निकलने वाले सल्फर के कारण ताजमहल में प्रयोग की गयी संगमरमर की चमक फीकी पड़ रही है.

  • जिस क्षेत्र में तेजाबी बारिश होती है उस क्षेत्र में पायी जाने वाली नदियों और झीलों में रहने वाले जलीय जीव,मछलियाँ,पेड़-पौधों सभी पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.

  • तेजाबी बारिश के कारण इंसानों और जीव जंतुओं में सांस संबंधी रोग की समस्या पायी जाती है.

  • तेजाबी बारिश के कारण मिट्टी भी अम्लीय हो  जाती है  और इससे खेती पर बुरा प्रभाव पड़ता है.मिट्टी में पाए जाने वाले जीवों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है.इसके अलावा मिट्टी के प्रदूषित होने से पानी की गुणवत्ता पर भी फर्क पड़ता है.    


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