EPF Rules: हर नौकरी करने वाला कर्मचारी अपनी इनकम का एक हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPF) के अकाउंट में जमा करता है. जितनी राशि कर्मचारी द्वारा जमा की जाती है उतनी ही राशि नियोक्ता को भी जमा करनी पड़ती है. यह हिस्सा बेसिक सैलरी का 12 फीसदी होता है. ईपीएफ खाते में जमा राशि पर कुछ सीमा तक खाताधारक को टैक्स भी नहीं देना पड़ता है. यह सभी सुविधाएं नौकरी कर रहे लोगों को मिलती है, लेकिन कई बार कर्मचारी नौकरी से कुछ दिन का ब्रेक ले लेते हैं.


ऐसे में अक्सर खाताधारकों के मन में यह सवाल उठता है कि बिना ईपीएफ खाते (EPF Account) में नई रकम जमा हुए प्राप्त ब्याज राशि पर टैक्स देना होगा या नहीं. इसके साथ ही रिटायरमेंट के बाद अगर आप किसी दूसरी कंपनी में काम करते हैं तो ऐसे में ईपीएफ खाते में वह पैसे जमा कर सकते हैं या नहीं. जानते हैं ईपीएफ से जुड़े सभी नियमों के बारे में-


जॉब छोड़ने के कितने दिन बाद तक ईपीएफ खाता रहता है एक्टिव


गौरतलब है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खाते में हर महीने सैलरी का एक हिस्सा जमा होता है. टैक्स और इंवेस्टर एक्सपर्ट बलवंत जैन के अनुसार अगर कोई व्यक्ति नौकरी करना छोड़ भी देता तभी वह अगले दो साल बिना किसी परेशानी के अपने ईपीएफओ खाते से पूरे पैसे की निकासी कर सकता है. 


निष्क्रिय खाते में जमा राशि का क्या होगा?


श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार अगर कोई व्यक्ति 55 साल के बाद तीन साल तक इस खाते से पैसे नहीं निकालता है तो इस खाते को निष्क्रिय करार दे दिया जाता है. वहीं अगर किसी व्यक्ति की रिटायरमेंट उम्र 56 या 57 साल की तो वह अपने ईपीएफ खाते को 58 साल तक एक्टिव रख सकते हैं. वहीं अगर कोई व्यक्ति ने 45 साल में काम करना बंद कर दिया है तो अगले तीन साल तक उसका खाता एक्टिव रहेगा. 36 महीने की अवधि पूरी होने के बाद खाते को निष्क्रिय की कैटेगरी में डाल दिया जाएगा. अगर खाता 7 साल तक खाते में जमा राशि को नहीं निकाला जाता है तो इन पैसों को वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में ट्रांसफर कर दिया जाता है. वहीं 25 साल पूरे होने के बाद यह राशि केंद्र सरकार द्वारा रख लिया जाता है.


क्या ब्याज की राशि रहेगी टैक्स फ्री?


इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार आमतौर पर खाते में जमा राशि पर केंद्र सरकार द्वारा तय ब्याज दर मिलता रहेगा. इस ब्याज पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है, लेकिन अगर अपने खाते में राशि को जमा करना बंद कर दिया है तो जमा पैसे पर मिलने वाले ब्याज पर आपको टैक्स देना होगा. फ्री टैक्स की सुविधा केवल एक्टिव मेंबर्स को ही मिलता है. वहीं रिटायरमेंट के बाद भी ईपीएफ खाते में योगदान की बात करें तो ऐसी स्थिति में ईपीएस में कॉन्ट्रिब्यूशन बंद हो जाएगा, लेकिन ईपीएफ खाते में कर्मचारी और इंप्लायर दोनों ही अपना योगदान कर सकते हैं.


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