Atta Export Restriction: गेंहू के एक्सपोर्ट पर बैन (Wheat Export Ban) लगाने के बाद अब केंद्र सरकार आटा के निर्यात ( Atta Export) के पर बंदिशें लगाने जा रही है. सरकार ने आटा के निर्यात को लेकर नई गाइडलाइंस लाने जा रही है जिसके बाद आटा निर्यात करने के लिए इंटर-मिनिस्ट्रियल कमिटी से मंजूरी की दरकार होगी. नई गाइडलाइंस 12 जुलाई, 2022 से लागू होने जा रही है. 


डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि गेंहू के एक्सपोर्ट पर बनाई गई इंटर-मिनिस्ट्रियल कमिटी की मंजूरी के बाद ही आटा एक्सपोर्ट करने की इजाजत दी जाएगी. डीजीएफटी के नोटिफिकेशन के मुताबिक नई गाइडलाइंस आटा, मैदा, सामोलिना (रावा/सिरगी) होलमील आटा, रीजलटेंट आटा पर भी लागू होगा. डीजीएफसी के मुताबिक गेंहू के आटा की क्लालिटी को लेकर अलग से नियम जारी किए जायेंगे. 


दरअसल घरेलू बाजार में गेंहू की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर पहले सरकार ने गेंहू के एक्सपोर्ट पर मई महीने में रोक लगा दिया था. अब आम आदमी के थाली की रोटी ( Roti) भी महंगी होती जा रही है. रोटी पर भी महंगाई ( Inflation) की मार पड़ रही है. तो सरकार आटा के एक्सपोर्ट पर नकेल कसने जा रही है. लगातार महंगे हो रहे गेंहू ( Wheat) के चलते खुदरा बाजार ( Retail Market) में आटा महंगा होता जा रहा है.  बीते एक साल में आटा करीब 13 से 15 फीसदी महंगा हो चुका है. 


इससे पहले भारत सरकार ने गेंहू के उत्पादन में गिरावट और घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ने के बाद देश में खाद्य सुरक्षा स्थिति का प्रबंधन करने के लिए गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था. रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद गेंहू के दामों में आग लग गई थी. अब घरेलू बाजार में गेंहू के बढ़ते दामों पर नियत्रंण लगाने के लिए भारत सरकार ने गेंहू के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया था. 


 


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