EPF Rate For FY 2021-22: वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफ खाताधारक अपने खाते में डाले गए ब्याज के रकम को नहीं देख पा रहे हैं. जिसे लेकर वित्त मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि प्रॉविडेंट फंड सेविंग्स को लेकर टैक्स कानून में किए गए बदलाव के बाद अकाउंट को लेकर सॉफ्टवेयर अपग्रेड किया जा रहा है जिसके चलते ईपीएफ खाताधारक अपने ईपीएफ खाते में डाले गए ब्याज के रकम को नहीं देख पा रहे हैं.
पीएम मोदी से शिकायत!
दरअसल मणिपाल यूनिवर्सिटी के चेयरमैन और इंफोसिस के पूर्व डायरेक्टर रहे मोहनदास पाई ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से इसकी शिकायत की. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि प्रिय ईपीएफओ, मेरा ब्याज कहां है? उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग कर लिखा कि सुधार की जरुरत है! नौकरशाही की अक्षमता का खामियाजा आम नागरिक क्यों भुगते? आगे इस ट्वीट में उन्होंने वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को टैग कर मदद की मांग की.
वित्त मंत्रालय की सफाई!
मोहनदास पाई के इसी ट्वीट के जवाब में वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर लिखा कि किसी भी ईपीएफ सब्सक्राइबर को कोई नुकसान नहीं हुआ है. सभी ईपीएफ खाताधारकों के खाते में ब्याज के रकम को ट्रांसफर किया जा रहा है. हालांकि,टैक्स नियमों में बदलाव के चलते ईपीएफओ द्वारा सॉफ्टवेयर अपग्रेड किया जा रहा है जिसके चलते ये स्टेटमेंट में नजर नहीं आ रहा है.
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ब्याज का भुगतान
वित्त मंत्री ने एक और ट्वीट कर कहा कि ईपीएफओ छोड़ने वाले सभी सब्सक्राइबर जो सेटलमेंट की मांग कर रहे हैं या फिर जो सब्सक्राइबर रकम निकालना चाहते हैं उन्हें ब्याज के रकम के साथ भुगतान किया जा रहा है.
ईपीएफ के ब्याज के भुगतान में देरी!
दरअसल हाल के वर्षों में ब्याज के रकम के भुगतान में देरी का मामला लगातार सामने आया है. ईपीएफओ बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के निर्णय के काफी समय बाद ईपीएफओ खाताधारकों के खाते में ब्याज की रकम ट्रांसफर की जाती है. 2020-21 में मार्च 2021 में ईपीएफओ ने 8.5 फीसदी ब्याज देने का निर्णय लिया लेकिन इस आदेश को नोटिफाई अक्टूबर 2021 में किया गया और खातादारकों को उनके खाते में ब्याज का रकम दिसंबर 2021 मे डाला गया. यानि ईपीएफओ के फैसला लेने के 9 महीने बाद. 2021-22 के लिए भी ब्याज के रकम को चार महीने बाद खातधारकों के खाते में डाला गया है.
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