कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से आर्थिक गतिविधियों में लगे झटके से लगभग इकनॉमी का हर सेक्टर खराब प्रदर्शन कर रहा है. आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का सीधा असर कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री पर पड़ा है. केयर रेटिंग्स के मुताबिक पिछले कुछ साल में कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री घटती-बढ़ती दिख रही है लेकिन वित्त वर्ष 2019- 2020 के दौरान कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में 29 फीसदी की गिरावट आई और यह घट कर 7.2 लाख यूनिट तक पहुंच गई.


केयर रेटिंग्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2020 के दौरान कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में मीडियम एंड हैवी कॉमर्शियल व्हेकिल्स बिक्री की 31 फीसदी हिस्सेदारी होती है.


रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के मुकाबले मीडियम और हैवी कॉमर्शियल व्हेकिल्स की बिक्री 42 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. हल्के कॉमर्शियल व्हेकिल्स की बिक्री में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 2021 में कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में गिरावट का अनुमान है.


अभी बिक्री में और आ सकती है गिरावट


केयर रेटिंग ने कहा कि इकनॉमी की मैक्रो स्थितियों के देखते हुए आगे कॉमर्शियल वाहनों में और गिरावट आ सकती है. वित्त वर्ष 2020-21 में कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में 30 से 35 फीसदी गिरावट आ सकती है. रेटिंग एजेंसी के मुताबिक मानसून के अच्छा रहने और इससे ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों में आर्थिक गतिविधियों में रफ्तार से कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में कुछ इजाफा दिख सकता है. दूसरी छमाही में कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में थोड़ी बढ़त दिख सकती है. इन वाहनों की बिक्री में वित्त वर्ष 2021-22 में ही कुछ इजाफा दिख सकता है.