Real Estate Sector Union Budget 2023 Expectations : देश का आगामी आम बजट (Union Budget 2023) कुछ ही घंटो में पेश होने वाला है. कल से संसद का बजट सत्र (Budget Session) शुरू होने जा रहा है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आम बजट (Union Budget 2023) 1 फरवरी 2023 को पेश करेंगी. इसे लेकर देश के रियल एस्टेट सेक्टर (Realty Sector) के अफोर्डेबल हाउसिंग (Affordable Housing) को काफी आशा हैं. सरकार से इस सेक्टर में कुछ नियम और टैक्स को समाप्त करने कि मांग की गई है. इसे लेकर सरकार से कई तरह की सिफारिशें सामने आ रही है. जानिए अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर को बजट में क्या खास मिल सकता हैं...


बढ़ सकती है आवास खंड की संख्या 


इस बार बजट में सरकार से उम्मीद है कि भारत का आवासीय रियल एस्टेट में किफायती आवास खंड को बढ़ावा दिया जाए. इनकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है. मालूम हो कि 2015 से इस योजना में काफी तेजी देखने को मिली, लेकिन कोरोना महामारी ने इसे गिरा दिया. एक बार फिर बजट में इसे प्रोत्साहन मिल सकता है, इससे खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को लाभ मिलेगा. महामारी ने किफायती आवास खंड को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, मांग और आपूर्ति दोनों अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है.


26 फीसदी आई गिरावट 


ANAROCK के उपभोक्ता सर्वेक्षण में एक खुलासा हुआ है. इस सर्वे के अनुसार, साल 2022 में किफायती आवास की मांग में भारी गिरावट देखी है. साल 2018 में देश के 7 शहरों में 39 फीसदी संपत्ति चाहने वाले 40 लाख रुपये के भीतर किफायती घरों के इच्छुक थे. यह मांग 2022 में अपने सबसे निचले स्तर तक पहुंच गई है, केवल 26 फीसदी संपत्ति चाहने वाले इस बजट सेगमेंट में खरीदारी करना चाहते हैं. 2022 के अंत तक इन 7 शहरों में 6.30 लाख आवास अभी भी नहीं बिके है, साथ ही किफायती आवास की हिस्सेदारी 27 फीसदी से अधिक है. बजट में सरकार को इसे प्राथमिकता के आधार पर दोबारा पटरी पर लाने का काम करना होगा. 


बजट से क्या है उम्मीद 


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एनरॉक ग्रुप के चेयरमैन (Chairman ,ANAROCK Group) अनुज पुरी का कहना है कि बजट हस्तक्षेप करने का एक संभावित तरीका घरों के लिए मूल्य बैंडविथ को संशोधित करना है, जो विभिन्न शहरों के किफायती आवास के रूप में प्राप्त करते हैं. कई किफायती आवास का आकार वर्तमान में 60 वर्ग मीटर है. जिसके लिए 45 लाख रुपये का समान मूल्य प्रमुख शहरों की बाजार की वास्तविकताओं के अनुरूप नहीं है.


कुछ जगह बढ़े प्राइस बैंड 


किफायती आवास को लेकर बजट में जैसे मुंबई शहर में 45 लाख रुपया, जोकि जगह के हिसाब से बहुत कम है, इसे बढ़ाकर 85 लाख रुपया या उससे अधिक किया जाना चाहिए. अन्य शहरों में प्राइस बैंड को बढ़ाकर 60-65 लाख रुपये किया जाना चाहिए. इसके परिणाम स्वरूप अधिक घरों को किफायती आवास के रूप में शामिल किया जा सकता है, जिससे कई और घर खरीदारों को आईटीसी के बिना 1 फीसदी कम जीएसटी और अन्य सरकारी सब्सिडी जैसे लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी.


लोन छूट सीमा को बढ़ाये सरकार 


पुरी का कहना है कि, 'हाउसिंग एंड-यूजर्स के लिए ज्यादा टैक्स छूट और किफायती हाउसिंग के लिए इनवेस्टर्स से भी डिमांड बढ़ाने पर जोर देना चाहिए. आयकर अधिनियम की धारा-24 के तहत आवास लोन ब्याज पर 2 लाख रुपये की वर्तमान कर छूट को कम से कम 5 लाख रुपये तक बढ़ाया देना चाहिए. इससे हाउसिंग डिमांड में तेजी आएगी. सरकार की हाउसिंग फॉर ऑल योजना पूरी तरह से किफायती आवास पर केंद्रित है. साथ ही यह जरूरी है कि बजट 2023-24 में इस सेक्टर को पुनर्जीवित करने पर जोर दिया जाये. 


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