नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजटीय भाषण में अलग-अलग विभागों और मंत्रालयों को कुल 34.83 लाख करोड़ का फंड आवंटन किया है. वित्त मंत्रालय को सबसे ज्यादा 13.86 लाख करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है. इसके अलावा केंद्र सरकार ने दूसरे अहम मंत्रालयों में रक्षा, गृह, कृषि, महिला, सड़क परिवहन, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा मंत्रालय आदि को भारी भरकम राशि आवंटित की है.


कृषि मंत्रालय का बजट 5.63 प्रतिशत बढ़ा
कृषि मंत्रालय को वर्ष 2021-22 के लिए 5.63 प्रतिशत अधिक यानी 1,31,531 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है. इसका आधा हिस्सा प्रधानमंत्री-किसान योजना पर खर्च किया जाएगा. पीएम-किसान के लिए 65,000 करोड़ रुपये का एक बड़ा आवंटन किया गया है, जिसके तहत सरकार पंजीकृत किसानों को तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये प्रदान करती है.


गृह मंत्रालय को मिले 1,66,547 करोड़
गृह मंत्रालय को 2020-21 की तुलना में इस बार बजट में 11.48 फीसदी बढ़ाकर 1,66,547 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. जबकि 2020-21 में उसे 1,49,387 करोड़ रूपये दिये गये थे. इनमें से ज्यादातर राशि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए और एक खासी रकम जनगणना संबंधी कार्यों के लिए है. जम्मू कश्मीर को 30,757 करोड़ रुपये और लद्दाख को 5,958 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. ये दोनों नए केंद्रशासित प्रदेश हैं.


शिक्षा क्षेत्र को मिले 93,224 करोड़
शिक्षा मंत्रालय को 93,224.31 करोड़ रूपये आवंटित किए गये हैं जो चालू वित्त वर्ष के संशेधित अनुमानों से 8,100 करोड़ रूपये अधिक है. 2020-21 में मंत्रालय को 99,311.52 करोड़ रूपये आवंटित किया गया था जो बाद में संशोधित होकर 85,089 करोड़ रुपये हो गया था क्योंकि देश में कोविड-19 महामारी का संकट था और संक्रमण के प्रकोप के कारण कक्षाओं को बंद करना पड़ा था.


आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के लिए 54,581 करोड़
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के लिए अगले वित्त वर्ष के वास्ते 54,581 करोड़ रूपये आवंटित किये गये हैं. स्वच्छ भारत मिशन -शहरी के लिए 2300 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है. इस बार देश की पहली आरआरटीएस परियोजना को जमीन पर उतार रहे राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के लिए 4,472 करोड़ रूपये आवंटित किये गये हैं जबकि 2020-21 में यह 2,487 करोड़ रुपये था.


महिला विकास मंत्रालय के बजट में 16 फीसदी की बढ़ोतरी
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए 16.31 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. मंत्रालय के 'सक्षम आंगनवाड़ी' कार्यक्रम के लिए 24,435 करोड़ रुपये और मिशन पोषण 2.0 के लिए 20,105 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया गया है. सामाजिक सेवा क्षेत्र के लिए कुल राशि को 2411.80 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3,575.96 करोड़ रुपये कर दिया गया है.


सामाजिक न्याय मंत्रालय के लिए 11,689 करोड़ का प्रावधान
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के लिए इस बार के बजट में 11,689.39 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो पिछली बार के मुकाबले 28.35 फीसदी अधिक है. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के लिए 10,517.62 करोड़ रुपये दिए जाने का प्रस्ताव है, जबकि 2020-21 के बजट में 8207.56 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था.


पर्यटन मंत्रालय का आवंटन 19 प्रतिशत घटा
पर्यटन मंत्रालय का बजटीय आवंटन 2,500 करोड़ रुपये से घटा कर 2026.77 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इससे पहले मंत्रालय के लिए संशोधित अनुमान 1,260 करोड़ रुपये था. बजट में पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1088.03 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए हैं. कोरोना वायरस संकट के कारण न केवल विदेशी पर्यटकों का आगमन प्रभावित हुआ बल्कि देश के घरेलू पर्यटकों की संख्या में भी खासी कमी दर्ज की गयी.


खेल मंत्रालय को 230 करोड़ कम
कोरोना महामारी के कारण लगभग साल भर से खेल गतिविधियां ठप होने का असर खेल बजट पर भी पड़ा है और वर्ष 2021-22 के बजट में खेल और युवा कार्य मंत्रालय को 2596.14 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. जो पिछले वर्ष के मूल आवंटन से 230.78 करोड़ कम है. खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन का बजट 70 करोड़ रुपये से घटाकर 53 करोड़ रूपये कर दिया गया. वहीं 2010 राष्ट्रमंडल खेल साइ स्टेडियमों की मरम्मत का बजट 75 करोड़ रूपये से घटाकर 30 करोड़ रूपये कर दिया गया.


विज्ञान मंत्रालयों के लिए 15,000 करोड़ अधिक
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को 2021-22 के बजट में 14,793.66 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और इसमें मौजूदा वित्त वर्ष के मुकाबले 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को अलग से 1897.13 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को 2021-22 के बजट में 6,067.39 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि जैवप्रौद्योगिकी विभाग को 3,502.37 करोड़ रुपये दिए गए.


आदिवासी मंत्रालय के लिए 7524 करोड़ रुपये का आवंटन
बजट में जनजातीय मामलों के मंत्रालय के लिए 7524 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 36 प्रतिशत की वृद्धि है. मंत्रालय को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 7411 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसे बाद में संशोधित करके 5508 करोड़ रुपये किया गया था. जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह 'अब तक का सबसे अच्छा बजट' है क्योंकि यह अभूतपूर्व परिस्थितियों में तैयार किया गया है.


अल्पसंख्यक मंत्रालय के लिए 4810 करोड़ का प्रावधान
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए इस बार के बजट में 4810.77 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो पिछले बार के संशोधित आवंटन के मुकाबले 805.77 करोड़ रुपये अधिक है. वित्त वर्ष 2020-21 में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए अनुमानित बजट 5029 करोड़ रुपये था और बाद में संशोधित आवंटन 4005 करोड़ रुपये कर दिया गया था.


सूचना प्रसारण मंत्रालय के लिए 4071.23 करोड़ आवंटित
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के लिए वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए 4071.23 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा हुई. इस हिसाब से पिछले वर्ष की तुलना में इसके लिए 303 करोड़ रुपये की कमी हुई है. प्रसार भारती का आवंटन पिछले वित्त वर्ष में आवंटित 2889.36 करोड़ रुपये से घटाकर 2640.11 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन के लिए सरकार ने 65 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं, जिसे 2020-21 के लिए 61.30 करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे.


पर्यावरण मंत्रालय में कटौती
इस साल पर्यावरण मंत्रालय के लिए कुल बजटीय आवंटन 2,869.93 करोड़ रुपये हुआ है जबकि पिछले साल 3100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. इससे पर्यावरण से जुड़े कई कार्यक्रम बाधित हो सकते हैं या उनकी रफ्तार घट सकती है. पर्यावरणविद और एनजीओ सेफ (सोशल एक्शन फॉर फॉरेस्ट एंड इनवायरमेंट) के संस्थापक विक्रांत तोंगड ने कहा कि बजटीय कटौती से पर्यावरण अनुकूल पहल पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.


पंचायती राज मंत्रालय को 32 प्रतिशत ज्यादा आवंटन
पंचायती राज मंत्रालय को चालू वित्त वर्ष के दौरान संशोधित व्यय की तुलना में वर्ष 2021-22 के लिए आवंटन 32 प्रतिशत बढ़ाकर 913.43 करोड़ रुपये किया गया है. जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 690 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. हालांकि, चालू वित्त वर्ष के लिए बजट अनुमान 900.94 करोड़ रुपये था. आवंटन में प्रमुख बढ़ोतरी स्वामित्व योजना में देखी गई, जो कि चालू वित्त वर्ष में 79.65 करोड़ रुपये से दोगुने से अधिक बढ़कर 200 करोड़ रुपये हो गई है.


कार्मिक मंत्रालय को 257 करोड़ आवंटित
नौकरशाहों के देश और विदेश में प्रशिक्षण और आवश्यक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए कार्मिक मंत्रालय को 257 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं. कुल 79.09 करोड़ रुपये एलबीएसएनएए और आईएसटीएम के अवस्थापना-संबंधी खर्च और मंत्रालय के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के प्रशिक्षण विभाग के लिए आवंटित किए गए हैं.


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