नई दिल्ली: पिछले कुछ सालों से ऑटो सेक्टर में लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी. हालांकि कोरोना काल के बाद अब ऑटो सेक्टर में थोड़ा सुधार देखने को मिल रहा है. हाल ही में सामने आए ऑटो कंपनियों के तिमाही आंकड़ें ऑटो सेक्टर में रिकवरी की गवाही दे रहे हैं लेकिन ऑटो सेक्टर की निगाहें इस बार के आम बजट पर टिकी हुई हैं.


कोरोना वायरस के कारण हर सेक्टर को धक्का लगा है. वहीं पिछले कुछ वक्त से ऑटो सेक्टर कुछ खास बढ़त दर्ज नहीं कर पाया है. हालांकि हाल ही में आए तिमाही आंकड़ों से लगता है कि ऑटो सेक्टर मुनाफे की तरफ वापस बढ़ रहा है. अगर हालिया तिमाही आंकड़ों की बात करें तो बजाज ऑटो का दिसंबर 2020 में खत्म तिमाही का शुद्ध लाभ 23 प्रतिशत बढ़कर 1,556 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 1,262 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था.


दिसंबर 2020 की तिमाही में बजाज ऑटो की कुल वाहन बिक्री नौ फीसदी बढ़कर 13,06,810 इकाई रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 12,02,486 इकाई रही थी. घरेलू बाजार में कंपनी की दोपहिया बिक्री आठ प्रतिशत बढ़कर 5,85,469 इकाई पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5,42,978 इकाई रही थी. वहीं बजट से पहले ऑटो दिग्गज मारुति के तिमाही नतीजे भी आने वाले हैं और माना जा रहा है कि मारुति के मुनाफे में इजाफा देखने को मिल सकता है. इसके साथ ही मार्जिन बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है.


जीएसटी


इस बीच ऑटो कंपनियों की बजट 2021 से काफी उम्मीदें हैं. ऑटो सेक्टर में मांग को बढ़ावा देने के लिए कंपनियां जीएसटी दरों में कमी की मांग कर रही है. ऑटो इंडस्ट्री जीएसटी में कमी चाहती है. वहीं जीएसटी घटने से वाहनों की कीमतों में कमी देखने को मिलेगी, जिसके कारण लोगों की दिलचस्पी वाहन खरीदने की तरफ देखने को मिल सकती है.


इंपोर्ट ड्यूटी


इसके अलावा विदेशी कार निर्माता कंपनियां भी भारत के केंद्रीय बजट से उम्मीदें लगाए हुए हैं. विदेशी कार निर्माता कंपनियां इंपोर्ट ड्यूटी घटाने की मांग कर रही है, ताकी विदेशी कार भारत में और सस्ते दामों में मिल सके. वहीं कोरोना काल के बाद लोगों का खुद के वाहन की तरफ झुकाव देखने को मिला है. इसके साथ ही विशेषज्ञ बजट 2021 के बाद ऑटो सेक्टर में तेजी की उम्मीद जता रहे हैं.


व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी


वहीं व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी से ऑटो सेक्टर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. 15 साल से अधिक पुराने हो चुके वाहनों पर ये पॉलिसी लागू होगी. माना जा रहा है कि इस पॉलिसी के तहत भारत ऑटोमोबाइल सेक्टर का बड़ा केंद्र बन सकता है और वाहनों की कीमतों में भी गिरावट आएगी.


इनपुट टैक्स क्रेडिट


बिजनेस से जुड़े उद्देश्य के लिए अगर कोई वाहन खरीदा जा रहा है तो उस पर वर्तमान में कोई इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं मिलता है. अगर बजट में टैक्स क्रेडिट की सुविधा का ऐलान किया जाता है तो ऑटो सेक्टर में मांग बढ़ेगी. वहीं इस फैसले से बिक्री और आमदनी दोनों बढ़ेगी और सरकार के राजस्व में भी कोई नुकसान नहीं होगा.


इलेक्ट्रिक वाहन


वहीं इस बार के बजट में सरकार का फोकस इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ भी देखने को मिल सकता है. ऐसे में बजट 2021 में सरकार जीएसटी में कमी और इंपोर्ट ड्यूटी में कमी लाती है तो यह ऑटो सेक्टर को बूस्ट देने का काम करेगी. इनके अलावा ऑटो सेक्टर के लिए सरकार अगर कोई लुभावनी योजना लाती है तो यह सोने पर सुहागा जैसा काम होगा.


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