Union Budget 2023: जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी बजट से बहुत उम्मीदें हैं. इस इंडस्ट्री का मानना है कि अगर उनकी मांगे अगर सरकार ने मान ली इससे इस इंडस्ट्री को तो फायदा होगा ही साथ में रोजगार को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. 


सोने पर घटे कस्टम ड्यूटी 


सोने के दामों में तेजी उछाल के कारण ज्वेलरी इंडस्ट्री ने सोने पर कस्टम ड्यूटी घटाने की भी सरकार से मांग की है. मौजूदा समय में सोने के इंपोर्ट पर 12.5 फीसदी बेसिक कस्टम ड्यूटी और 2.5 फीसदी कृषि-इंफ्रास्ट्रक्चर सेस देना पड़ता है. सोने पर ज्यादा कस्टम ड्यूटी के चलते 2021 में जहां 1068 टन सोने का आया हुआ था वो घटकर 2022 में 706 टन रह गया है. कस्टम ड्यूटी बढ़ाने से सोने की स्मग्लिंग भी बढ़ी है जो अब 200 टन पर जा पहुंचा है.  जेम्स एंड ज्वेलरी प्रोमोशन काउंसिल ने सोना चांदी और प्लैटिनम पर इंपोर्ट ड्यूटी को 4 फीसदी किए जाने की मांग की है. ज्वेलर्स का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद संगठित ज्वेलर्स का कारोबार 36 फीसदी बढ़ा है जबकि छोटे ज्वेलर्स की दुकानें बंद हो गई है. 



डायमंड्स के इंपोर्ट पर ड्यूटी घटाने की मांग 


जेम्स एंड ज्वेलरी प्रोमोशन काउंसिल (GJEPC) वित्त मंत्रालय को अपनी मांगों की फेहरिस्त सौंपी है उसमें कट और पॉलिश्ड डायमंड्स पर इंपोर्ट ड्यूटी को घटाने की मांग की गई है. काउंसिल ने सरकार से कट और पॉलिश्ड डायमंड्स पर इंपोर्ट ड्यूटी को  5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी करने की मांग की है. साथ ही इस बेनेफिट को पॉलिश्ड जेम्स स्टोंस पर भी दिए जाने की मांग की गई है. काउंसिल के चेयरमैन विजय मंगुकी ने कहा कि इसके अलावा स्पेशल नोटिफाइज जोंस में रफ डायमेंड बेचने पर अलाउंस देने की मांग की गई है. अगर रफ डायमंड बेचा जाता है तो इंपोर्टर को 2 फीसदी इक्वालाइजेशन लेवी से छूट दिया जाना चाहिए. काउंसिल के मुताबिक नैचुरल डायमंड्स के बाद लैब ग्रॉन डायमंड्स डिमांड तेजी से बढ़ी है.  लैब ग्रॉन डायमंड्स को अफोर्डेबल बनाने के लिए इसके लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सीड्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने की दरकार है.  साथ ही काउंसिल ने लैब ग्रॉन डायमंड्स मैन्युफैक्चर करने वाले मशीनरी पर इंपोर्ट ड्यूटी खत्म करने की मांग की गई है. 


बगैर पैन कार्ड के बढ़े खरीद लिमिट


इसके अलावा जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री ने ज्वेलरी पर जीएसटी रेट घटाने की भी मांग की है. ज्वेलरी पर जीएसटी को मौजूदा 3 फीसदी से घटाकर 1.25 फीसदी करने की मांग की गई है. ज्वेलर्स ने वित्त मंत्री से पैन कार्ड के साथ ज्वेलरी खरीदने की लिमिट को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग रखी है. ज्वेलर्स का तर्क है कि ग्रामीण इलाकों में कई लोगों के पास पैन कार्ड नहीं होता है और सोने की खरीदारी के दौरान उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. 


खत्म हो क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर कमीशन


ज्वेलर्स ने इनकम टैक्स के एक्ट के सेक्शन 40 ए  में डेली कैश लिमिट को 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति दिन करने की मांग की है. साथ ही क्रेडिट कार्ड से ज्वेलरी खरीदने पर बैंक द्वारा चार्ज किए जाने वाले 1 से 1.5 फीसदी कमीशन को खत्म करने को कहा है. ज्वेलर्स चाहते हैं सरकार स्पष्टीकरण जारी करे कि कोई व्यक्ति गोल्ड मॉनिटाईजेशन स्कीम में कितना सोना जमा कर सकता है जिससे डिपाजिटर्स को किसी भी विभाग के सवालों का जवाब ना देना पड़े.


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