Airfare Cap Removed: कोरोना महामारी ने जब देश में दस्तक दी और लॉकडाउन लगा तो घरेलू और इंटरनेशनल उड़ानें भी बंद हो गई. 25 मई 2020 से जब प्लाइट सर्विसेज की शुरुआत हुई तो सरकार ने हवाई किरायों को रेग्युलेट करने का निर्णय लिया. घरेलू उड़ानों के लिए किराये की ऊपरी और निचली सीमा सरकार ने तय करनी शुरू कर दी. हालांकि बीते दो वर्षों में सरकार ने जैसे जैसे कोरोना का प्रभाव घटता गया और यात्रियों की संख्या बढ़ती रही सरकार ने हवाई किरायों की लिमिट की समीक्षा भी की है. लेकिन अब सरकार ने फैसला कर लिया है कि वो एयर फेयर की लिमिट तय नहीं करेगी बल्कि 31 अगस्त, 2022 से एयरलाइंस खुद हवाई किराया तय करेंगी. 


महंगे एटीएफ से एयरलाइंस परेशान
सरकार के इस फैसले के दो पहलू हैं. पहला ये माना जा रहा है कि एयरलाइंस अब हवाई किराया तय करेंगी ऐसे में एयर फेयर महंगा हो सकता है. क्योंकि दो साल पहले जब सरकार ने एयरफेयर को रेग्युलेट करने का फैसला लिया था तब से लेकर अब तक हवाई ईंधन की कीमतें दोगुनी हो चुकी है. किसी भी एयरलाइंस का 60 फीसदी खर्च हवाई ईंधन पर होता है. ऐसे में एयरलाइंस महंगे एटीएफ का भार यात्रियों पर डाल सकती हैं. 


एविएशन सेक्टर में बढ़ी प्रतिस्पर्धा
वहीं दूसरा पहलू ये है कि भारतीय एविएशन सेक्टर में दो नए एयरलाइंस आ गए हैं. 7 अगस्त, 2022 से राकेश झुनझुनवाला समर्थित अकासा एयर की उड़ान की शुरुआत हो चुकी है. तो जल्द ही एक बार फिर नए प्रोमोटर्स वाली जेट एयरवेट अपनी उड़ान शुरू करने वाली है. जाहिर भारतीय एविएशन सेक्टर में प्रति स्पर्धा शुरू होने जा रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि यात्रियों को लुभाने के लिए एयरलाइंस हवाई किरायों में जबरदस्त कमी कर सकती है जो अभी संभव नहीं था क्योंकि किराये का ऊपरी और निचला लेवल सरकार तय किया करती थी. 


सरकार का तर्क
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि घरेलू उड़ान के एयर फेयर पर तय सीमा को हटाने का फैसला हवाई ईंधन की कीमतों और उसी रोजाना मांग की समीक्षा के बाद लिया गया है. सेक्टर में स्ठायित्व आ चुका है और हमें उम्मीद है कि घरेलू एयर ट्रैफिक में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. 


सस्ता होगा हवाई सफर!
लेकिन फिलहाल देशभर में मानसून का असर है. इन सीजन में हवाई यात्रियों की संख्या घट जाती है. ऐसे में माना जा रहा है कि यात्रियों को लुभाने के लिए सितंबर तक के लिए हवाई किरायों में एयरलाइंस कमी कर सकती है. अक्टूबर से दशहरा के साथ त्योहारी सीजन की शुरुआत हो जाएगी. तब डिमांड बढ़ने के बाद हवाई किरायों में बढ़ोतरी होने लगेगी. 


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