ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते टकराव के बीच जब शनिवार देर रात ईरान ने इजरायल के हाइफा पोर्ट और उसके पास स्थित एक बड़े तेल रिफाइनरी पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, तब सबसे बड़ा सवाल यह था कि क्या भारतीय अरबपति गौतम अडानी के स्वामित्व वाला हाइफा पोर्ट इस हमले की चपेट में आया या नहीं?

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लेकिन अब जो खबर सामने आई है, वह भारत और अडानी समूह, दोनों के लिए राहत की बात है. सूत्रों के मुताबिक, अडानी के इस हाइफा पोर्ट पर हमले का कोई असर नहीं पड़ा और पोर्ट की सभी कार्गो ऑपरेशंस सामान्य रूप से जारी हैं.

मिसाइल गिरी, पर अडानी पोर्ट को कोई नुकसान नहीं

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सूत्रों ने बताया कि ईरानी हमले में पोर्ट के केमिकल टर्मिनल पर कुछ शार्पनेल (बिखरे टुकड़े) गिरे और पास की रिफाइनरी पर भी मिसाइलें आकर गिरीं. हालांकि, अडानी पोर्ट के किसी भी हिस्से में कोई नुकसान या चोट की खबर नहीं है. यहां तक कि एक इंटरसेप्टर मिसाइल का टुकड़ा 'किशन वेस्ट' नामक सेक्शन में पाया गया, लेकिन वहां भी सब कुछ सुरक्षित रहा. इस समय पोर्ट पर आठ जहाज़ लोडिंग-अनलोडिंग कर रहे हैं और सभी गतिविधियां सामान्य हैं. यानी व्यापार और आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ा है.

हाइफा पोर्ट का क्या है महत्व?

इजरायल का हाइफा पोर्ट देश का एक अहम समुद्री केंद्र है, जो 30 प्रतिशत से ज़्यादा आयात-निर्यात गतिविधियों को हैंडल करता है. अडानी समूह के पास इस पोर्ट में 70 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. हालांकि, अडानी पोर्ट्स और SEZ के कुल वॉल्यूम का यह सिर्फ 2 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन फिर भी राजस्व का लगभग 5 प्रतिशत हिस्सा इसी पोर्ट से आता है.

बड़ा खतरा टल गया, लेकिन हालात गंभीर

ईरान और इजरायल के बीच यह तनाव शुक्रवार को तब शुरू हुआ जब इजरायल ने ईरान की न्यूक्लियर और मिलिट्री ठिकानों पर हमला किया. इसके जवाब में ईरान ने मिसाइलों की बौछार कर दी. रविवार को भी दोनों देशों के बीच हमले जारी रहे, जिससे यह आशंका और गहरी हो गई है कि मिडिल ईस्ट में यह टकराव लंबे समय तक चल सकता है.

ईरान का कहना है कि इजरायल ने उसके दो तेल रिफाइनरियों को भी निशाना बनाया है, जिससे अब अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाज़ार पर भी असर पड़ सकता है. फिलहाल भारत के निवेश और व्यापारिक हितों के लिहाज़ से राहत की बात यही है कि अडानी का हाइफा पोर्ट पूरी तरह सुरक्षित है और कारोबार सुचारू रूप से चल रहा है.

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