Penalty on Amazon: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने फ्यूचर समूह की कंपनी फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लि. में हिस्सेदारी खरीदने के लिए ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन के सौदे को दो वर्ष पहले दी गई मंजूरी शुक्रवार को निलंबित कर दी. आयोग ने कुछ प्रावधानों का उल्लंघन होने के कारण अमेजन पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया. अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच चल रहे कानूनी विवाद के बीच घरेलू कंपनी ने प्रतिस्पर्धा आयोग के सामने ई-कॉमर्स कंपनी के खिलाफ शिकायत की थी. दरअसल फ्यूचर समूह के रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) के साथ प्रस्तावित 24,713 करोड़ रूपये के समझौते के बाद दोनों कंपनियों के बीच कानूनी लड़ाई छिड़ गई और इसी की पृष्ठभूमि में फ्यूचर समूह ने CCI के समक्ष शिकायत की थी.
आयोग ने 57 पन्नों के आदेश में कहा कि उक्त मंजूरी ‘‘कुछ समय के लिए स्थगित रहेगी.’’ कुछ उल्लंघनों का हवाला देते हुए सीसीआई ने कहा कि इनके पीछे अमेजन द्वारा समझौते के उद्देश्य और इसकी वास्तविक क्षमता को दबाने के लिए जानबूझकर किए गए प्रयास थे. इसके साथ ही आयोग ने Amazon पर दो करोड़ रूपये का जुर्माना लगा दिया. इसके अलावा सौदे की आवश्यक शर्तों के बारे में जानकारी देने में विफल रहने पर अतिरिक्त 200 करोड़ रूपये का जुर्माना भी लगाया गया. अमेजन के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के आदेश की हम विवेचना कर रहे हैं और इसके बाद आगे के कदमों के बारे में कोई निर्णय लेंगे.’’
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सीसीआई ने फ्यूचर कूपन्स में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए अमेजन के सौदे को नवंबर 2019 में मंजूरी दी थी. नवंबर 2019 में सौदे को मंजूरी देते हुए सीसीआई ने यह भी कहा था कि अधिग्रहणकर्ता द्वारा दी गई जानकारी यदि गलत पाई जाती है तो आदेश को रद्द मान लिया जाएगा. उच्चतम न्यायालय ने 29 नवंबर को अमेजन को सीसीआई के समक्ष पेश होकर अपनी दलीलें रखने के लिए दो सप्ताह का वक्त और दे दिया था.
प्रतिस्पर्धा आयोग ने फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) के साथ निवेश सौदे के लिए अमेजन को दी गई मंजूरी वापस लेने से संबंधित मामले में सुनवाई स्थगित करने से इनकार कर दिया था. अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच फ्यूचर रिटेल की संभावित बिक्री को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. रिलायंस रिटेल के हाथों फ्यूचर रिटेल के 24,713 करोड़ रुपये के अधिग्रहण सौदे का अमेजन यह कहते हुए विरोध कर रही है कि यह सौदा फ्यूचर ग्रुप के साथ हुए निवेश समझौते का उल्लंघन करता है.
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