एक्सप्लोरर

व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी में नहीं रखा गया गरीबों की आर्थिक स्थिति का ख्याल, पॉल्यूशन खत्म होने की बात बेईमानी

केंद्र सरकार ने पुराने और अनफिट वाहनों को कबाड़ के तौर पर निकालने के लिए स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा की. ये वाहन परिमार्जन नीति इंडिया 2022-23 न सिर्फ पॉल्यूशन को कम करेगा, बल्कि देश के ईंधन आयात बिल को भी कम करने में मदद करेगा. ऐसी मान्यता है. लेकिन वास्तव में देखिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई यह पॉलिसी बिल्कुल गलत है, ये जो प्रदूषण के नाम पर एनजीटी के द्वारा लाया गया है और मैं ही नहीं और भी जो अनुभवी लोग हैं उनका कहना है कि ये पॉलिसी कार लॉबी के प्रेशर में लायी गई है.

उनका कहना है कि कारों की बिक्री कम हो गई है और उसे बढ़ाने के लिए ये सारी पॉलिसी लाई गई हैं. विश्व में कहीं भी इस प्रकार की पॉलिसी नहीं है क्योंकि हर मुल्क ये मानती है कि राइट टू प्रॉपर्टी हर किसी को है और सरकार जो है जनता का अभिभावक नहीं होती है

विश्व के अन्य किसी भी देश में नहीं है इस तरह की पॉलिसी

सरकार जनता का सेवक होती है और सेवक को कोई अधिकारी नहीं है कि मालिक की जो संपत्ती है, उस पर डाका डाले और पुलिस भेजे और उसको उठवाए. ये विश्व में कहीं नहीं हो रहा है, बल्कि पाश्चात्य देशों में खासकर के यूरोपी हो चाहे अमरिका वहां तो वे बढ़ावा देते हैं कि आप ज्यादा से ज्यादा दिन गाड़ी चलाइए. आप 40 साल तक गाड़ी चलाइए और उसके बाद भी अगर आपकी गाड़ी सही हालत में होगी तो वो उसके सालाना जो कर है वो उसे भी नहीं लेते हैं. हमारे मुल्क में पता नहीं क्या हो गया, गरीब मुल्क हैं हम बड़ी मुश्किल से लोग गाड़ी खरीदता है, ईएमआई देता है. फिर तीन साल बाद सरकार के प्यादे आते हैं और आपकी गाड़ी उठा कर ले जाते हैं और अगर आप नहीं देते हैं तो आपको प्रताड़ित करती है.

ऐसा विश्व में कहीं भी नहीं हो रहा है. आप जनतंत्र छोड़ दीजिए तानाशाही वाले देशों में भी ऐसा नहीं हो रहा है. ये जनतंत्र के खिलाफ है जनता के खिलाफ है और कुछ कार मेकर्स और इस तरह के लोगों के फायदे के लिए है और सरकार शायद आपना भी फायदा देख रही है कि इससे जीएसटी ज्यादा मिलेगा, लेकिन वह भूल जा रही है कि नई गाड़ियां जो बनती हैं, उनसे पॉल्यूशन ज्यादा होती है, औद्योगिक प्रदूषण 20 प्रतिशत से ज्यादा है हमारी आंकड़ों के हिसाब से, कार प्रदुषण वो भी पीक प्लेसस में जैसे दिल्ली के कनॉट प्लेस में, मुंबई के कोर्ट एरिया में, चेन्नई और कोलकात्ता के डलहौजी के एरिया को ले लीजिए.

पुरानी गाड़ियों से कम होता है प्रदूषण?

नहीं ये गलत है, बिल्कुल झूठ है अगर यूज्ड गाड़ियां हैं ये और इनसे प्रदूषण की मात्रा इतनी कम होती है कि इसमें चाहे एनजीटी हो या सुप्रीम कोर्ट जो भी कह रहे हैं बिल्कुल गलत कह रहे हैं. देखिए किसी में भी अधिकतम प्रदूषण के लेवल अलाउड होती हैं वो 2 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होती है और आप देख लेगें कि अगर आपकी गाड़ी 10 साल के आसपास की है पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक कुछ प्वाईंट्स का अंतर आता है, उससे ज्यादा नहीं आता है. ये पूरी जो दलील दी गई है जनता को बेवकूफ बनाने के लिए है, जनता को प्रताड़ित करने के लिए और कुछ खास लोगों को फायदा दिलाने के लिए सारा कानून बनाया गया है.

पुराने वाहनों में भी सुरक्षा मानकों को कराया जा सकता है रेट्रोफिट

देखिये 15 साल पुराने वाहनों में सीट बेल्ट या एयर बैग्स नहीं होते हैं ऐसा नहीं है, सीट बेल्ट तो लग जाते हैं. और अगर इतनी पुरानी वाहन है तो सामान्य रूप से उसमें एयर बैग्स की जरूरत नही है. और जिनकी गाड़ी 15 साल पुरानी हो गई है, उसे रिट्रोफिट करा सकते हैं तो करा दिजिए, उसमें क्या मुश्किल है पर ये स्क्रैप कराने का ये सरकार का कोई अधिकार नहीं है. सरकार के कुछ खास सलाहकार कुछ लोगों के फायदे के लिए ये सारी चीजें कर रहे हैं और इससे एक चीज और होगा ये कि समाज में पुलिस वाले हों या आरटीओ वाले उनका हैंड सेकिंग बढ़ जाएगा उसको कौन रोकेगा.  हमें मालूम है, हमारे कुछ मित्र हैं जो हर हफ्ते आ जाते हैं, तो ये सारे तरीके सरकार के है जों गलत हैं. इस कानून को तुरंत स्क्रैप कर देना चाहिए.

रोजगार मिलने की बात भी बिल्कुल गलत है

मैं सिर्फ एक चीज पूछना चाहता हूं कि क्या यूरोप और अमेरिका के देश जो हैं क्या वे हमसे पिछड़े हुए हैं, उन्होंने इस तरह के कानून नहीं लाए तो हमें क्या जरूरत है लाने की. बिल्कुल नहीं लोगों को रोजगार तो उतना ही मिलेगा जितना ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में आज भी है. हां, उनका ये जो कहना है कि ऑटोमोबाइल गाड़ियों की बिक्री बढ़ेगी और उसके कमीशन से कितने लोगों को फायदा होगा उनके जवाब में निहित है. अगर कमिशनखोरी से सरकार चलानी है तो उनकी दलील बिल्कुल सही है. मैं उनके इस दलील से बिल्कुल इत्तेफाक नहीं रखता हू, वे बिल्कुल गलत कह रहे हैं.

फिटनेस टेस्ट का प्रोविजन आज नया नहीं है

देखिए फिटनेस टेस्ट का प्रावधान आज का नहीं है. जब से गाड़ियां चल रही है तब से फिटनेस टेस्ट होता आ रहा है. देखिए, इसके साथ एक चीज और जुड़ा हुआ है सेकेंड हैंड कार का एक बहुत बड़ा बाजार है. अपने देश में ही नहीं हर देश में है. बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो नई गाड़ियां अफोर्ड नहीं कर सकते हैं, पुरानी गाड़ियां जो बिकती हैं उसे लेकर अपना कारोबार चलाते हैं. कई लोग उसमें अपनी दुकान तक चलाते हैं और जहां तक रोजगार की बात है तो आज भी हिंदुस्तान में सेकेंड हैंड कार के मार्केट में 50 लाख लोग लगे होंगे. उनके जो करोबार हैं, जिंदगी है उसका क्या होगा. उन गरीबों को मार कर नए कार मेकर्स हैं उनका फायदा कराना चाहते हैं क्योंकि कार मेकर्स ज्यादा कमिशन दे सकते हैं तो ये बिल्कुल गलत दलील है. देखिए आज यूपी में इस कैटेगरी में 21 लाख गाड़ियां हैं और उनमें ट्रैकटर्स भी शामिल हैं तो फिर किसान क्या करेगा बेचारा. किसान कितनी मुश्किल से ट्रैक्टर खरीदता है.

सुधार के नाम पर बस इसे रद्द कर देना चाहिए

इसमें बस एक ही सुधार किया जा सकता है कि इस कानून को तुरंत रद कर दिया जाए. ये जो मोटर व्हीकल एक्ट है जिसको एनजीटी के बैकडोर से लाया गया है, वो पूरा गलत है. जिन्होंने कहा कि गाड़ी इतनी पुरानी है तो इसे स्क्रैप कर दो गलत निर्णय लिया है एनजीटी ने. सुप्रीम कोर्ट को पता होना चाहिए कि राइट टू पॉपर्टी है हमारे पास. हमारे संविधान में ये प्रावधान है कि हमारे पास जो संपत्ति है उसे कोई छू नहीं सकता है, आप कैसे इस तरह के कानून ला सकते हैं.

कबाड़ के नाम पर यूपी सरकार खर्च करेगी 300 करोड़ रुपये

यूपी सरकार जो है वो 300 करोड़ रुपए सिर्फ गाड़ियों को कबाड़ बनान के लिए इस्तेमाल करेगी. फूड सब्सिडि हमारी कटती है लेकिन गाड़ियों को स्क्रैप कराने के लिए 300 करोड़ रुपये आ सकती है. 21 लाख गाड़ियां यूपी में इसके जद में आ चुकी हैं और दिल्ली में दो लाख हैं और पूरे भारत में 26 करोड़ गाड़ियां जो रजिस्टर्ड हैं उनमें से लगभग 20 प्रतिशत गाड़ियों को जंक किया जाएगा. ये कितना बड़ा नेशनल वेस्ट है सिर्फ कार लॉबी और कुछ खास लोगों के लाभ के लिए और वो भी एक ऐसी सरकार के द्वारा लाया गया है जो हर तरह से माना जाता है कि वो जनता के लिए ही काम करती है.

मेरे ख्याल से इनके सलाहकार ही गलत लोग हैं. जैसा कि मैंने आपसे कहा कि दो लाख से ज्यादा ट्रैक्टर सिर्फ किसानों के हैं वो यूपी में अकेले हैं तो उनके पास ये ट्रैक्टर्स भी नहीं रहेगी तो उनकी खेती-बाड़ी कैसे चलेगी. ये कानून जो है उड़िशा और बंगाल में लगा दिया गया और हर राज्य में ये कानून गलत ढंग से लगाया जा रहा है. इसका जो दुषपरिणाम हो सकता है उससे सिर्फ जनता की तबाही होगी.

गांव का गरीब नहीं खरीद सकेगा नई गाड़ी

देखिये जो लोग गांव में अपने कार्यों के लिए गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे वे नई गाड़ियां नहीं खरीद पाएंगें. सरकार जो ये आकलन है कि हम पुरानी गड़ियों को कबाड़ बना कर हम उसे बेचेंगे. देखिये जब पुरानी गाड़ियां चलती हैं तो एनसिलरि इंडस्ट्री भी अच्छी चलती है, तो ये जो पॉलिसी है गाड़ियों को महंगा बनाने का, उसका कबाड़ बनाने का और जो पुराने गाड़ियों का स्पेयर्स है जो उनको ठिकठाक लगेगा वो उसका भी नई में इस्तेमाल कर सकते हैं और आप उनको चैलेंज नहीं कर सकते हैं. वारंटी में भी आप कुछ नहीं कर सकते हैं. वारंटी का अपने देश में इंप्लीमेंटेशन बहुत लचर तरीके से होता है. इसलिए इस पॉलिशि को तुरंत रद्द कर देना चाहिए. ये जो प्रदुषण का दलील है उसे जनता को नहीं मानना चाहिए. कबाड़ के लिए कोई पॉलिसी लाने की क्या जरूरत है.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.] 

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

कितनी खतरनाक है Kalibr-PL मिसाइल, जिसका रूस ने भारत को दिया ऑफर? चीन-पाकिस्तान के पैरों तले खिसक जाएगी जमीन!
1500KM तक का टारगेट तबाह... कितनी खतरनाक है Kalibr-PL मिसाइल, जिसका रूस ने भारत को दिया ऑफर?
बिहार: '10 लाख दो वरना मार देंगे', सिवान से JDU सांसद विजयलक्ष्मी देवी को मिली जान से मारने की धमकी
बिहार: '10 लाख दो वरना मार देंगे', सिवान से JDU सांसद विजयलक्ष्मी देवी को मिली जान से मारने की धमकी
अब इस देश ने अमेरिका को दिया झटका, Hawk की जगह भारत से खरीदेगा SAM मिसाइलें; दिल्ली ने दिया बड़ा ऑफर
अब इस देश ने अमेरिका को दिया झटका, Hawk की जगह भारत से खरीदेगा SAM मिसाइलें; दिल्ली ने दिया बड़ा ऑफर
2025 में सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले टॉप 7 शो कौन से? हिंदी सीरीज का भी रहा जलवा
2025 में सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले टॉप 7 शो कौन से? हिंदी सीरीज का भी रहा जलवा
ABP Premium

वीडियोज

UP News: बरेली में पति-पत्नी चोर गैंग का भंडाफोड़! CCTV में कैद हुई वारदात | Crime News | ABP News
Crime News : बीमे के लिए रिश्तों का खूनी चक्रव्यूह | Sansani
Bengal Controversy: बंगाल में चुनाव से पहले मुस्लिम Vs हिन्दू या फिर कोई चुनावी 'खेल' | TMC | BJP
Goa Night Club Fire Incident: 25 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? | Breaking | Romana Isar Khan
Indigo Flight Crisis: IndiGo की लूट, सरकार मौन क्यों? | Sandeep Chaudhary | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
कितनी खतरनाक है Kalibr-PL मिसाइल, जिसका रूस ने भारत को दिया ऑफर? चीन-पाकिस्तान के पैरों तले खिसक जाएगी जमीन!
1500KM तक का टारगेट तबाह... कितनी खतरनाक है Kalibr-PL मिसाइल, जिसका रूस ने भारत को दिया ऑफर?
बिहार: '10 लाख दो वरना मार देंगे', सिवान से JDU सांसद विजयलक्ष्मी देवी को मिली जान से मारने की धमकी
बिहार: '10 लाख दो वरना मार देंगे', सिवान से JDU सांसद विजयलक्ष्मी देवी को मिली जान से मारने की धमकी
अब इस देश ने अमेरिका को दिया झटका, Hawk की जगह भारत से खरीदेगा SAM मिसाइलें; दिल्ली ने दिया बड़ा ऑफर
अब इस देश ने अमेरिका को दिया झटका, Hawk की जगह भारत से खरीदेगा SAM मिसाइलें; दिल्ली ने दिया बड़ा ऑफर
2025 में सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले टॉप 7 शो कौन से? हिंदी सीरीज का भी रहा जलवा
2025 में सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले टॉप 7 शो कौन से? हिंदी सीरीज का भी रहा जलवा
बेंगलुरु में वापस आएगा IPL, ये वादा करने वाले वेंकटेश प्रसाद बने कर्नाटक क्रिकेट संघ के नए अध्यक्ष
बेंगलुरु में वापस आएगा IPL, ये वादा करने वाले वेंकटेश प्रसाद बने कर्नाटक क्रिकेट संघ के नए अध्यक्ष
नाशिक: गहरी खाई में कार गिरने से 5 लोगों की मौत, सप्तश्रृंगी देवी के दर्शन कर लौटते समय हादसा
नाशिक: गहरी खाई में कार गिरने से 5 लोगों की मौत, सप्तश्रृंगी देवी के दर्शन कर लौटते समय हादसा
बैंक में जीरो बैलेंस अकाउंट है तो हो जाएगी आपकी मौज, बदलने वाले हैं ये नियम
बैंक में जीरो बैलेंस अकाउंट है तो हो जाएगी आपकी मौज, बदलने वाले हैं ये नियम
Malai Egg Curry: घर में कैसे बनाएं रेस्तरां से भी अच्छी मलाई एग करी, कैसे बनेगी यह एकदम क्रीमी?
घर में कैसे बनाएं रेस्तरां से भी अच्छी मलाई एग करी, कैसे बनेगी यह एकदम क्रीमी?
Embed widget