एक्सप्लोरर

यूपी चुनाव: सियासी अखाड़े में किसको पछाड़ेगी 'जाटलैंड' की ताकत?

उत्तर प्रदेश की राजनीति में 'जाटलैंड' यानी वेस्ट यूपी का कितना महत्व है,इसका अंदाज़ लगाने की अब कोई जरूरत ही नहीं बची क्योंकि बीजेपी के चाणक्य समझे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल दिल्ली में तकरीबन ढाई सौ जाट नेताओं के साथ मीटिंग करके ये संदेश दे डाला है कि जाटों यानी किसानों का साथ लिए बगैर यूपी के किले को फतह करना उतना आसान भी नहीं है.चुनाव चाहे कोई भी हो,उसे लड़ने और जीतने की रणनीति उस खास इलाके की जमीनी हकीकत को देखकर ही बनाई जाती है.उस लिहाज से देखा जाए,तो बीजेपी ने वक़्त रहते अपनी इस कमजोर नब्ज़ को समझ लिया है कि किसान आंदोलन भले ही खत्म हो गया है,लेकिन उस आग की तपिश में अभी भी उतनी ताकत है कि वो पार्टी को कई सीटों पर बुरी तरह से झुलसा सकती है.

लिहाज़ा,देश के प्रधानमंत्री रह चुके इकलौते जाट नेता चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी को अगर बीजेपी ने अपने साथ आने का ऑफर दिया है,तो सवाल उठता है कि ये बीजेपी की रणनीति है,कमजोरी है या फिर जयंत की बढ़ती हुई ताकत का सबूत? हालांकि सियासी तौर पर ये तथ्य सबके सामने है कि साल 2014 के लोकसभा चुनावों से लेकर अब तक वेस्ट यूपी ही हिंदुत्व की सबसे बड़ी प्रयोगशाला के रुप में न सिर्फ उभरा है,बल्कि इसी 'जाटलैंड' ने 2017 के विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी को सत्ता दिलाने में बेहद अहम भूमिका निभाई है और उसके बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में भी इस इलाके ने पार्टी के प्रति अपनी वफादारी दिखाने में कोई कंजूसी नहीं बरती.बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व इस हक़ीक़त से बखूबी वाकिफ़ भी है.

शायद इसीलिये अमित शाह ने वेस्ट यूपी के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी हैसियत रखने वाले इन नेताओं से बैठक करने के लिए बीजेपी से वेस्ट दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा को आगे किया और उनके आवास पर ही इसका आयोजन किया गया.प्रवेश दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके दिवंगत साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं,जिन्होंने दिल्ली,वेस्ट यूपी और हरियाणा के जाटों को बीजेपी के साथ जोड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी.लेकिन कहते हैं कि सियासत में एक बेटा अपने पिता की विरासत को तो आगे ले जा सकता है लेकिन ऐसा बमुश्किल ही होता है कि वह अपने पिता के सियासी कद की बराबरी को छू सके.इसलिये कल हुई इस बैठक के बाद सियासी गलियारों में ये चर्चा हो रही है कि ऐसी कवायद क्या वाकई बीजेपी के लिए फायदे का सौदा साबित हो पाएगी.वह इसलिये कि वेस्ट यूपी में जाटों की पुरानी पीढ़ी तो दूर की बात, नई-नवेली पीढ़ी के ज्यादातर नौजवान भी नहीं जानते कि प्रवेश वर्मा का संबंध जाट समुदाय से है.लिहाज़ा,ये समझ लेना कि प्रवेश का वेस्ट यूपी के जाटों के बीच खासा जनाधार है और वे उनकी बात सुनकर अपना गुस्सा थूक देंगे,एक बड़ी भूल ही साबित हो सकती है.

फिर सवाल उठता है कि अमित शाह को ऐसी बैठक करने की जरुरत आखिर क्यों पड़ी? तो इसके लिए हमें पश्चिमी यूपी के राजनीतिक गणित को समझना होगा.दरअसल,वेस्ट यूपी के 26 जिलों में कुल  136 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से पिछली बार यानी 2017 में बीजेपी को 109 सीटें मिली थीं, जबकि समाजवादी पार्टी को सिर्फ 21 सीटें मिली थीं. पश्चिमी यूपी से मिली इन बेहिसाब सीटों की वजह से ही बीजेपी ने 300 का आंकड़ा पार करके तमाम राजनीतिक विश्लेषणों को ध्वस्त करते हुए सत्ता हासिल की थी.इसकी बड़ी वजह भी थी,जिसे राजनीतिक विश्लेषक सियासी भाषा में हिंदुत्व का प्रयोग कहते आये हैं.साल 2014 के लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले इस क्षेत्र में 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों ने सारे सियासी समीकरण बदल कर रख डाले.जो मुसलमान और जाट सदियों से साथ रहते आये थे,उन दंगों के बाद इन दोनों समुदायों में दोस्ती की इतनी गहरी खाई पैदा कर दी गई कि वे एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन गए.लिहाज़ा,बीजेपी को इसका भरपूर फायदा हुआ.

वैसे मोटे तौर पश्चिमी यूपी में करीब 17 फीसदी जाट हैं.अनुमान लगाया जाता है कि करीब 120 सीटों पर इनका ठीकठाक असर है और इनमें भी तकरीबन 50 सीटें ऐसी हैं,जहां किसी को चुनाव जितवाने की चाबी इन्हीं जाटों के हाथ में है. इन्हीं जाट वोटों की बदौलत चौधरी चरण सिंह के बेटे और जयंत चौधरी के पिता  चौधरी अजित सिंह केन्द्र की कई सरकारों में किंगमेकर की भूमिका निभाते रहे थे.लेकिन 2014 की 'मोदी लहर' में वे खुद ही अपने मजबूत गढ़ बागपत से चुनाव हार गए.साल 2019 में उनके बेटे जयंत भी यहां से चुनाव लड़े लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और वे भी चुनाव हार गए.

लेकिन केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसानों से शुरु हुए आंदोलन ने जयंत चौधरी को एक नई सियासी ताकत दे दी क्योंकि इसमें वेस्ट यूपी के किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और आंदोलन की पूरी कमान राकेश टिकैत के हाथों में आ गई. इसलिये राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी को लग रहा है कि इस बार वेस्ट यूपी का जाट उनके भाग्य का सितारा चमकाते हुए उन्हें उस मुकाम तक जरुर पहुंचा देगा,जहां जाने की उनकी ख्वाहिश है.इन्हीं सारे नफ़े-नुकसान की नाप-तौल करने के बाद जयंत ने अखिलेश यादव से हाथ मिलाने का चतुराई भरा फैसला लेते हुए समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया.चूंकि जयंत जानते हैं कि मुस्लिम वोट बैंक का बड़ा हिस्सा सपा के साथ है और वे खुद जाटों की नुमाइंदगी कर रहे हैं.ऐसी सूरत में अगर एम-जे यानी  (मुस्लिम-जाट) को फिर से साथ जोड़ दिया जाए,तो वे यहां एक बड़ी ताकत बनकर उभर सकते हैं.

कोई न माने लेकिन बीजेपी को चुनाव से पहले बन रहे इस नए समीकरण की ताकत का अंदाजा हो गया है और शायद यही वजह थी कि बुधवार को दिल्ली में हुई इस बैठक में अमित शाह ने जयंत चौधरी को बीजेपी के गठबंधन में शामिल होने का ऑफर दे दिया. उस बैठक में शाह ने जोर देकर कहा कि "चौधरी चरण सिंह जी की हम इज्जत करते हैं. उनकी विरासत (जयंत चौधरी) के लिए हमने पहले भी दरवाजे खोल रखे थे और यदि आगे भी वो चाहेंगे तो उनसे बातचीत के लिए दरवाजे खुले रहेंगे."

लेकिन बीजेपी के इस ऑफर पर जयंत चौधरी से इतनी जल्द और ऐसा जवाब मिलने की उम्मीद शायद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने भी नहीं की होगी.उन्होंने ट्वीट कर कहा, "न्योता मुझे नहीं, उन +700 किसान परिवारों को दो, जिनके घर आपने उजाड़ दिए." ये एक वाक्य ही वेस्ट यूपी का सियासी मिज़ाज़ बताने के साथ ही ये सवाल भी खड़ा करता है कि इस बार 'जाटलैंड' क्या वाकई कोई उलटफेर करने के मूड में है?

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

swati maliwal: स्वाति मालीवाल केस: आरोपी विभव की बढ़ेंगी मुश्किलें, अब ये नई धारा जोड़ने की तैयारी में दिल्ली पुलिस
स्वाति मालीवाल केस: आरोपी विभव की बढ़ेंगी मुश्किलें, अब ये नई धारा जोड़ने की तैयारी में दिल्ली पुलिस
Boat Capsized In Ganga: पटना की गंगा नदी में सब्जी से भरी नाव पलटी, दो लापता
पटना की गंगा नदी में सब्जी से भरी नाव पलटी, दो लापता
Lok Sabha Elections 2024: रायबरेली से ऐसी क्या खबर आई जिसने उड़ा दी बीजेपी की नींद, क्या मतदान से पहले ही तय हो गया जनता का मूड
रायबरेली से ऐसी क्या खबर आई जिसने उड़ा दी बीजेपी की नींद, क्या मतदान से पहले ही तय हो गया जनता का मूड
'एक प्रतिशत की उम्मीद भी...', RCB की महिला खिलाड़ी ने दिलचस्प पोस्ट शेयर कर लगा दी आलोचकों की क्लास
'एक प्रतिशत की उम्मीद भी...', RCB की महिला खिलाड़ी ने लगा दी आलोचकों की क्लास
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Raja Bhaiya EXCLUSIVE: 'अमित शाह से मुलाकात बड़ी यादगार रही..' - राजा भैया | ABP NewsSwati Maliwal Case: दिल्ली पुलिस ने किया खुलासा, नहीं मिला सीएम हाउस का सीसीटीवी फुटेजSwati Maliwal Case: CCTV वीडियो पर स्वाति मालीवाल का बयान, 'सिर्फ 50 सेकंड का वीडियो रिलीज़ किया'Jammu-Kashmir में टारगेट किलिंग का मामला, आतंकवादियों ने पूर्व सरपंच को मारी गोली

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
swati maliwal: स्वाति मालीवाल केस: आरोपी विभव की बढ़ेंगी मुश्किलें, अब ये नई धारा जोड़ने की तैयारी में दिल्ली पुलिस
स्वाति मालीवाल केस: आरोपी विभव की बढ़ेंगी मुश्किलें, अब ये नई धारा जोड़ने की तैयारी में दिल्ली पुलिस
Boat Capsized In Ganga: पटना की गंगा नदी में सब्जी से भरी नाव पलटी, दो लापता
पटना की गंगा नदी में सब्जी से भरी नाव पलटी, दो लापता
Lok Sabha Elections 2024: रायबरेली से ऐसी क्या खबर आई जिसने उड़ा दी बीजेपी की नींद, क्या मतदान से पहले ही तय हो गया जनता का मूड
रायबरेली से ऐसी क्या खबर आई जिसने उड़ा दी बीजेपी की नींद, क्या मतदान से पहले ही तय हो गया जनता का मूड
'एक प्रतिशत की उम्मीद भी...', RCB की महिला खिलाड़ी ने दिलचस्प पोस्ट शेयर कर लगा दी आलोचकों की क्लास
'एक प्रतिशत की उम्मीद भी...', RCB की महिला खिलाड़ी ने लगा दी आलोचकों की क्लास
लॉकडाउन में छूटी पढ़ाई फिर पैसों के लिए शुरू किया ये काम! कौन हैं नैंसी त्यागी जिसने कान्स में खुद सिलकर पहनी ड्रेस?
कौन हैं नैंसी त्यागी जिसने कान्स में खुद सिलकर पहनी ड्रेस?
Stock Market Holiday: सोमवार को शेयर मार्केट में नहीं होगी ट्रेंडिंग, जानिए क्या है कारण
सोमवार को शेयर मार्केट में नहीं होगी ट्रेंडिंग, जानिए क्या है कारण
Japanese Health: रहना है चुस्त-दुरुस्त और हेल्दी तो जापानियों की तरह जिएं जिंदगी, नोट कर लें ये Healthy Habits
रहना है चुस्त-दुरुस्त और हेल्दी तो जापानियों की तरह जिएं जिंदगी, नोट कर लें ये Healthy Habits
पश्चिम एशिया सहित वैश्विक शांति के लिए जरूरी है बहुपक्षीय वार्ता होना
पश्चिम एशिया सहित वैश्विक शांति के लिए जरूरी है बहुपक्षीय वार्ता होना
Embed widget