एक्सप्लोरर

BLOG: इंदिरा गांधी की राह पर प्रियंका, सोनभद्र के बहाने लोगों को याद आया बेलछी कांड

सोनभद्र हत्याकांड के बाद प्रियंका गांधी ने जिस तरह से धरना दिया और पीड़ित परिवार से मिलने की जिद पर अड़ी रहीं इससे अब ये चर्चा चलने लगी है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के राहों पर चल रही हैं. प्रियंका गांधी की तुलना लोग इंदिरा गांधी से करने लगे हैं.

पहले साड़ी पहने पहली तस्वीर से प्रियंका ने काफी सारे लोगों को दादी इंदिरा गांधी की याद दिलाई. फिर रायबरेली और अमेठी में मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के चुनाव प्रचार के दौरान अपनी हाजिर जबाबी और तेज सूझ-बूझ से वहां के लोगों को और फिर बाहर वालों को भी दादी की याद दिलाई. पर इस बार जब वे मिर्जापुर में जमीन विवाद में मारे गए आदिवासियों के परिवार वालों से मिलने पहुंची और योगी सरकार द्वारा रोके जाने पर वहीं बैठकर विरोध शुरु किया तो सबको बेलछी वाली इंदिरा गांधी की याद आई. और बात सिर्फ दादी इंदिरा गांधी और पोती प्रियंका की शक्ल-सूरत और शैली की समानता तक ही नहीं रही. यह अटकल भी लगने लगी कि क्या प्रियंका कांग्रेस की डूबी नैया को उसी तरह पार लगा सकती हैं जिस तरह बेलछी कांड के बाद इंदिरा गांधी ने कांग्रेस को फिर से खड़ा कर दिया था.

बेलछी कांड के समय कांग्रेस आज से भी बुरी हालत में थी-पार्टी की ये हालत कम से कम बिहार-यूपी और हिन्दी पट्टी में तो थी ही. पूरी हिन्दी पट्टी में कांग्रेस को मात्र एक सीट-छिन्दवाड़ा की मिली थी. यह विपक्ष की ताकत से ज्यादा इंदिरा गांधी, आपातकाल और उनके शासन की नीतियों की पराजय थी. इंदिरा को तानाशाह मानकर लोगों ने एकदम से रिजेक्ट किया था. इसके बाद इंदिरा गांधी भी इमरजेंसी की ज्यादतियों के लिए शाह आयोग और सरकार के हाथों धुनाई के लिए तैयार होने के साथ ही राजनीति से विदाई की सोच रही थीं. मुझे याद है कि उनसे तब मिलने गए बिहार के पूर्व समाजवादी विधायक रामइकबाल वरसी ने उन्हें कई सलाहों के साथ अपने कुत्ते हटाने की सलाह भी दी थी.

इसी दौरान बेलछी कांड हुआ. बिहार के नालंदा जिले के पालीगंज के इस गांव के दबंग कुर्मियों ने जमीन विवाद में 11 दलितों की हत्या कर दी थी. तब अचानक जनता दल के लिए आधार बनी मध्य जातियों की तरफ से अनेक जगहों पर दलितों पर जुर्म करने की घटनाएं हुई. इन दबंग जातियों को सोवियत रूस की तर्ज पर ‘कुलक’ कहा जाने लगा था. इसी दौरान दिल्ली के कंझावला में जाटों ने दलितों पर काफी जुल्म किए थे. चौधरी चरण सिंह उस समय गृह मंत्री थे. यह माना जाता था कि अपना कोर वोटर गंवाने के डर से जनता पार्टी के लोग कार्रवाई करने से बचते थे. लेकिन इन सबके बीच बिहार की घटना कुछ ज्यादा ही डरावनी हो गई थी. इंदिरा गांधी को यह अवसर लगा और उनको अंदर से बेचैनी महसूस हुई. तब ब्राह्मणों, दलितों और मुसलमानों का समर्थन कांग्रेस को मिला करता था जिसमें से मुसलमानों का कांग्रेस से मोहभंग आपातकाल के दौरान हुई नसबंदी के कारण हुआ था. इंदिरा गांधी की यात्रा की तैयारियां (निजी) की जानकारियां सामने आई तो साफ लगा कि यह एक राजनैतिक यात्रा थी-इसमें सामान्य मानवीय बेचैनी और दलितों से सहानुभूति वाला पक्ष हल्का ही थी.

अगस्त का महीना होने से चारों तरफ पानी था और वैसे भी सड़क हरनौत(जो तब नीतीश कुमार का निर्वाचन क्षेत्र था) के आगे नदारद ही थी. सो हाथी पर सवार और छाता लिए इंदिरा गांधी सोलह किमी दूर बेलछी गईं. इससे उन दलितों के अंदर क्या फर्क पड़ा इसकी ज्यादा खबरें नहीं आईं लेकिन इसके बाद इंदिरा गांधी में इतना साहस आया कि उन्होंने दिल्ली में शाह आयोग के बुलावे को ठुकराया और गिरफ्तार करने आई पुलिस के सामने सड़क पर बैठकर विरोध किया- ठीक प्रियंका द्वारा सड़क पर बैठने की तरह.

अब इन समानताओं के आधार पर प्रियंका गांधी के आगे जाने, कांग्रेस को सहारा देने और कांग्रेस की वापसी की भविष्यवाणियां की जा रही है. हालांकि, अभी इस बारे में ज्यादा कुछ न कहना ही बेहतर होगा. प्रियंका के आगे जाने की बात तो दसेक साल से भारतीय राजनीति का एक बड़ा सवाल बना हुआ है और ना-ना कहते हुए भी वे पूरी तरह राजनीति में आ चुकी हैं और कांग्रेस की महासचिव बन चुकी हैं. लेकिन अपने पहले प्रयास में वह भी सफल नहीं रही हैं और कांग्रेस के प्रदर्शन में कोई सुधार नहीं हुआ है. लेकिन अभी ये मान लेना जल्दबाजी होगी कि अब कांग्रेस और प्रियंका में कोई संभावना नहीं है. प्रियंका गांधी अभी भी कांग्रेस और देश की राजनीति की सबसे ज्यादा संभावनाओं वाले नेताओं में एक हैं. प्रियंका गांधी को सबसे पहले मिर्जापुर जाने की सूझी और वो दौड़े-दौड़े वहां पहुंची हैं तो यह उनकी प्रतिबद्धता के साथ राजनैतिक समझदारी को भी बताता है. ऐसी पहल का स्वागत होना चाहिए. योगी सरकार ने अगर उनका रास्ता रोका और बिजली-पानी काटकर उनका सत्कार किया तो यह उसकी गलती है. कायदे से तो उस जगह पर सबसे पहले सीएम आदित्यनाथ और अन्य लोगों को पहुंचना चाहिए था.

लेकिन यहां एक बात महत्वपूर्ण है. प्रियंका और उनके रणनीतिकारों को समझना होगा कि इस तरह के कदम के साथ बहुत कुछ करने की जरूरत है. प्रियंका गांधी के भाई राहुल गांधी भी हरियाणा के मिर्चपुर (दलित उत्पीड़न की खबर के बाद), भट्टा परसौल (किसानोँ की जमीन जबरन अधिग्रहित करने पर) और मुंबई मेट्रो में (पुरबिया लोगों की पिटाई के बाद) इन जगहों पर पहुंचे थे. लेकिन नेता के बाद उस काम को संभालने वाला संगठन भी होना चाहिए और उसकी सक्रियता भी होनी चाहिए.

सत्तर के दशक वाली कांग्रेस पार्टी ऐसी थी. तब लोगों की अपेक्षाएं भी कम थी और कोई नेता दुख की घड़ी साथ आकर खड़ा हो जाए यह नया अनुभव भी था. ऐसा आज भी होगा लेकिन आज अपेक्षाएं बढ़ी हैं- मुश्किलें भी बढ़ी हैं. दलित आदिवासी और अल्पसंख्यक जमात तो सिर्फ जाति धर्म के अलावा अनेकानेक दूसरे कारणों से भी निशाने पर आए हैं. सबसे ज्यादा नजर आदिवासियों की जमीन और खनिज सम्पदा पर है. दूसरे आज प्रियंका के सामने तब की जनता पार्टी की तरह का जोड़-तोड़कर खड़ा किया विपक्ष नहीं है. जनता पार्टी की अंदरूनी लड़ाई तो सत्ता मिलने के पहले ही शुरु हो गई थी और इंदिरा गांधी के खिलाफ क्या कार्रवाई हो यह भी विवाद का विषय था. आज सामने नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ ही नहीं मायावती और अखिलेश जैसे प्रतिद्वन्द्वी हैं. लेकिन इन सबके रहते भी अगर मिर्जापुर जैसा कांड होता है और उसमें आदिवासियों के प्रति सहानुभूति लेकर प्रियंका लड़-झगड़कर रातभर धरना देकर भी सबसे आगे होती हैं तो उनके लिए अवसर न हो यह कौन कह सकता है. प्रियंका गांधी इन सबके बीच पूरे होशो-हवास के साथ, ठंढे मन और मुस्कुराते चेहरे के साथ राजनीति में उतरी हैं तो इंदिरा गांधी से तुलना सिर्फ झलकियों की नहीं रहेंगी.

सोनभद्र हत्याकांड: दादी इंदिरा के नक्शेकदम पर प्रियंका गांधी, 'बेलछी नरसंहार' की घटना से हो रही है तुलना

सोनभद्र हत्याकांड: प्रियंका गांधी 26 घंटे बाद पीड़ित परिवार से मिलीं, खत्म किया धरना, बोलीं- मेरा मकसद पूरा हुआ

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

पुतिन ने कहा- कई क्षेत्रों में साथ आगे बढ़ने की योजना, पीएम मोदी बोले- आपकी यात्रा ऐतिहासिक
पुतिन ने कहा- कई क्षेत्रों में साथ आगे बढ़ने की योजना, पीएम मोदी बोले- आपकी यात्रा ऐतिहासिक
10वीं बार CM बनने पर नीतीश कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन की बधाई, जानिए क्या कहा
10वीं बार CM बनने पर नीतीश कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन की बधाई, जानिए क्या कहा
Putin India Visit: पुतिन के भारत दौरे से चिढ़े पाकिस्तानी एक्सपर्ट, बोले- हमारे यहां भी आते हैं किंग और ट्रंप हमें...
Putin India Visit: पुतिन के भारत दौरे से चिढ़े पाकिस्तानी एक्सपर्ट, बोले- हमारे यहां भी आते हैं किंग और ट्रंप हमें...
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
ABP Premium

वीडियोज

'ना झुकेगा भारत, ना टूटेगा रूस', पुतिन के भारत दौरे की China में गूंज, जानें क्या कहा?
सुंदर बच्चियों की 'सीरियल किलर' LADY !  | Sansani | Crime News
India में दिख गया मोदी-पुतिन के 'दोस्ती का दम'...छा गई कार वाली 'केमेस्ट्री'
व्यापार से वॉर तक ये दोस्ती कितनी दमदार ?, देखिए सबसे सटीक विश्लेषण । Punit India Visit
Bharat ki Baat: भारत में दिखा 'दोस्ती का दम', पुतिन का जबरदस्त वेलकम! | Putin India Visit

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
पुतिन ने कहा- कई क्षेत्रों में साथ आगे बढ़ने की योजना, पीएम मोदी बोले- आपकी यात्रा ऐतिहासिक
पुतिन ने कहा- कई क्षेत्रों में साथ आगे बढ़ने की योजना, पीएम मोदी बोले- आपकी यात्रा ऐतिहासिक
10वीं बार CM बनने पर नीतीश कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन की बधाई, जानिए क्या कहा
10वीं बार CM बनने पर नीतीश कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन की बधाई, जानिए क्या कहा
Putin India Visit: पुतिन के भारत दौरे से चिढ़े पाकिस्तानी एक्सपर्ट, बोले- हमारे यहां भी आते हैं किंग और ट्रंप हमें...
Putin India Visit: पुतिन के भारत दौरे से चिढ़े पाकिस्तानी एक्सपर्ट, बोले- हमारे यहां भी आते हैं किंग और ट्रंप हमें...
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
Border 2 Teaser: सनी देओल धमाका करने के लिए हैं तैयार, इस दिन रिलीज होगा 'बॉर्डर 2' का टीजर
सनी देओल धमाका करने के लिए हैं तैयार, इस दिन रिलीज होगा 'बॉर्डर 2' का टीजर
वनडे में सबसे ज्यादा अर्धशतक बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में कोहली किस नंबर पर, सचिन समेत ये अन्य टॉप 5 में शामिल
वनडे में सबसे ज्यादा अर्धशतक बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में कोहली किस नंबर पर, सचिन समेत ये अन्य टॉप 5 में शामिल
Vladimir Putin India Visit: पुतिन भारत में तो कौन ले रहा यूक्रेन जंग के फैसले, किसके पास यह जिम्मेदारी?
पुतिन भारत में तो कौन ले रहा यूक्रेन जंग के फैसले, किसके पास यह जिम्मेदारी?
UPPCS ने पॉलिटेक्निक लेक्चरर के पदों पर निकाली भर्ती, सैलरी सुनकर उड़ जाएंगे होश
UPPCS ने पॉलिटेक्निक लेक्चरर के पदों पर निकाली भर्ती, सैलरी सुनकर उड़ जाएंगे होश
Embed widget