Ola-Uber-Rapido Bike Taxi: कहीं भी जाना हो, आजकल लोग बाइक टैक्सी का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके पीछे की वजह यही है कि इसमें किराया सस्ता होने के साथ ही ये भारी ट्रैफिक से आसानी से बचाकर आपको मंजिल तक पहुंचा देती है. पिछले कुछ समय से बाइक टैक्सी को लेकर अटकलें काफी तेज हो रही थीं, लेकिन सरकार के नए आदेश ने इस पूरी बहस को खत्म कर दिया है. अब सरकार ने आधिकारिक तौर पर कह दिया है कि प्राइवेट मोटरसाइकिल को बाइक टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. 


मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस में राइट एग्रीगेटर ऐप्स के लिए कई दिशा-निर्देश लागू किए गए हैं. इसके मुताबिक राज्य सरकारें नॉन ट्रांसपोर्ट मोटरसाइकिल यानी निजी बाइक को शेयर्ड मोबिलिटी ऐप पर चलाने की परमिशन दे सकती हैं. सरकार का कहना है कि इस कदम से न सिर्फ ट्रैफिक और प्रदूषण कम होगा बल्कि ये दूसरे लोगों के आने जाने के लिए भी किफायती ऑप्शन होगा. 


क्या है बाइक टैक्सी के नए नियम? 


इस नियम के मुताबिक, राज्य सरकारें तय करेंगी कि एग्रीगेटर्स बाइक सर्विस क लिए रोजाना, साप्ताहिक या पखवाड़ा किस आधार पर लाइसेंस देना है. राज्य सरकारें एग्रीगेटर्स से इसके बदले फीस भी ले सकती हैं.यह फैसला लेने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया गया है. राज्य सरकारें चाहेंगी तो ये फैसला लागू होता, अगर नहीं चाहेंगी तो नहीं होगा. इससे पहले कर्नाटक सरकार ने 16 जून से बाइक टैक्सी सर्विस को बंद कर दिया था. 


कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कंपनियों को अदालत के फैसले का पालन करना होगा. रेड्डी ने कहा, 'तीन महीने पहले अदालत ने फैसला दिया था कि बाइक टैक्सियां ​​अवैध हैं. पहले अदालत ने छह सप्ताह का समय दिया था और फिर अनुरोध पर छह सप्ताह का और समय दिया. अब जबकि 12 सप्ताह बीत चुके हैं, कंपनियों को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना होगा.


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