मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि पैसेंजर कारों में 6 एयरबैग्स की अनिवार्यता उन्हें ज्यादा महंगा कर देगी. उन्होंने यह बात न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए कही. बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि इससे वाहन निर्माताओं की बिक्री पर असर होगा. आरसी भार्गव ने कहा कि इस कदम से उन कंपनियों पर और दबाव बढ़ेगा, जो पहले से ही कच्चे माल की बढ़ी हुई लागत के कारण वाहनों की कीमतों के संदर्भ में संघर्ष कर रही हैं.


गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जनवरी में एक प्रस्ताव जारी करके 1 अक्टूबर से निर्मित सभी यात्री कारों में लिए छह एयरबैग अनिवार्य कर दिए थे यानी 1 अक्टूबर से जो भी कारें बनेंगी उनमें कंपनियों को छह एयरबैग देने होंगे. सरकार का यह कदम सड़क सुरक्षा बढ़ाने का एक उपाय है, फिलहाल इसे अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है.


भार्गव ने कहा कि महामारी के कारण छोटी कारों की बिक्री पहले काफी गिर गई है. छह एयरबैग का नियम उनकी लागत में बढ़ोतरी कर देगा, जिससे उनकी बिक्री को और नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि इस नियम का सबसे बड़ा असर छोटी कार के बाजार पर पड़ेगा. ग्राहक अधिक महंगी कारों का खर्च नहीं उठा सकते हैं.


हालांकि, इससे ग्राहकों को सुरक्षा की नजर से फायदा होगा. वह पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित कारों में सफर कर पाएंगे. यहां आपको बता दें कि देश में बनने वाली सभी कारों के लिए ड्राइवर साइड और फ्रंट पैसेंजर साइड में एयरबैग देना पहले से ही अनिवार्य है. यानी, देश में बनने वाली किसी भी कार में कम से कम दो एयरबैग्स देने का नियम अभी देश में लागू है. 


ऑटो मार्केट डेटा प्रदाता JATO डायनेमिक्स के अनुसार, कार में चार और एयरबैग के जुड़ने से लागत करीब 17,600 रुपये बढ़ेगी. JATO इंडिया के अध्यक्ष रवि भाटिया का कहना है कि कुछ मामलों में लागत और भी अधिक हो सकती है क्योंकि कंपनियों को कार की संरचना में इंजीनियरिंग बदलाव करने की जरूरत भी होगी.


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