Vastu Shastra for Sleeping Direction: दिन भर की दिनचर्या और कामकाज से थक जाने के बाद सभी लोग रात में आराम करते हैं. बिस्तर पर लेटते ही दिनभर की थकान के साथ तनाव भी कम हो जाता है. लेकिन आमतौर पर लोग सोते समय दिशा का ध्यान नहीं रखते और किसी भी दिशा में सिर या पैर करके सो जाते हैं.


लेकिन वास्तु शास्त्र में इसे गलत बताया गया है. अगर आप भी सोते समय दिशा का ध्यान नहीं रखते तो इससे वास्तु दोष हो सकता है और इसका नकारात्मक प्रभाव आपके जीवन पर पड़ सकता है. वास्तु शास्त्र में घर के रख-रखाव के साथ ही रहन-सहन को लेकर भी दिशा को महत्वपूर्ण माना गया है. इसलिए सोने के लिए भी वास्तु शास्त्र में दिशा के बारे में बताया गया है. गलत दिशा में सोने को वास्तु और हिंदू धर्म में मृत्यु शय्या की निशानी माना जाता है



मृत्यु शय्या का प्रतीक है इस दिशा मे सिर करके सोना


हिंदू धर्म शास्त्रों में पौराणिक काल से विश्राम करने यानी सोने को लेकर नियम व सिद्धांत बनाए गए हैं. इसके अनुसार, सोते समय आपका सिर कभी भी उत्तर दिशा की ओर नहीं होना चाहिए. हिंदू धर्म में उत्तर दिशा सिर करके केवल मृतक को सुलाया जाता है. मान्यता है कि, उत्तर दिशा में सिर और दक्षिण दिशा की ओर पैर रखने से आत्मा को शरीर त्यागने में आसानी होती है. इसलिए उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोना मृत्यु शय्या का प्रतीक माना जाता है.


क्या है वैज्ञानिक कारण


हिंदू धर्म शास्त्र और वास्तु शास्त्र के निमयों व सिद्धांतों की पुष्टि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी की जाती है. इसी तरह साइंस में भी उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोने को गलत बताया गया है. विज्ञान के अनुसार, दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर लगातार चुंबकीय धारा प्रवाहित होती रहती है. ऐसे में उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोने से चुंबकीय तरंगों से होते हुए सिर में प्रवेश कर जाता है और इससे व्यक्ति को मानसिक तनाव, सिर दर्द और मस्तिष्क संबंधी कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है.


किस दिशा में सिर करके सोना है सही


वास्तु शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को सोते समय अपना सिर हमेशा पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए. क्योंकि सूर्य का उदय भी पूर्व दिशा से होता और सूर्य देव की ओर सिर करके सोने से मानसिक और स्वास्थ्य लाभ मिलता है. इसके अलावा आप दक्षिण दिशा की ओर भी सिर करके सो सकते हैं. लेकिन किसी भी स्थिति में उत्तर दिशा की ओर सिर करके न सोएं.


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