Shani Dev, Pradosh Vrat 2023: सावन का महीना चल रहा है. सावन के महीने में पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है. सावन में भोलेनाथ की आराधना को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. सावन में पड़ने वाला प्रदोष व्रत भी बहुत महत्वपूर्ण है. वर्ष 2023 सावन में जो प्रदोष व्रत आ रहा है, वो विशेष है. क्योंकि इस साल सावन का पहला प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ रहा है, शनिवार के दिन होने की वजह से इसे शनि प्रदोष व्रत भी कहा गया है. इस दिन आप भोलेनाथ के साथ-साथ शनि देव की भी आराधना कर सकते हैं.


जिन लोगों पर शनि साढ़ेसाती और शनि ढैय्या से परेशान हैं, वे लोग इस दिन भोलेनाथ के साथ-साथ शनि देव की आराधाना कर शनि की साढ़ेसाती और शनि के ढेैय्या के प्रभाव को कम कर सकते है. शनि प्रदोष व्रत के दिन मासिक शिवरात्रि भी पड़ रही है, इस दिन शिवालिंग पर कांवड़ जल चढ़ाएंगे. 15 जुलाई, 2023 शनिवार के दिन पड़ने वाले इस शनि प्रदोष व्रत में शिव जी की आराधना के साथ-साथ आप शनि देव की भी आराधना कर सकते हैं. इस दिन व्रत रखने का बड़ा महत्व है. इस दिन आप भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर पुण्य कमा सकते हैं.



शनि साढे़ साती और शनि की ढैय्या (Shani Sade Sati and Shani Dhaiya)


इस वक्त जिन राशियों पर शनि की ढैय्या चल रही है उनके लिए शनि प्रदोष व्रत बहुत फायदेमंद साबित होगा. मेष राशि और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या का प्रकोप है. मेष और वृश्चिक राशि के जातक इस शनि प्रदोष व्रत में शनि देव के साथ-साथ भोलेनाथ का आशीर्वाद भी जरुर लें.


वहीं जिन राशियों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव है वो भी शनि प्रदोष व्रत यानि 15 जुलाई के दिन शनि की विशेष पूजा से शनि की साढ़े साती से मुक्ति पा सकते हैं. मकर, कुंभ, मीन राशियां पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव है. शनि प्रदोष व्रत को कर इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं.


शनि के उपाय (Shani Upay in Hindi)


15 जुलाई 2023, शनिवार का दिन एक विशेष दिन है. इस दिन आप प्रदोष काल में भोलनाथ की उपासना करें, शिव जी की पूजा करें और व्रत कथा करें. साथ ही शनि प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ पर दीपक जलाएं, काला कपड़ बांधे और उड़द की दाल शनि देव को अर्पित करें. ऐसा करने से शनि देव की कृपा आप पर बनी रहती है, इस दिन आप एक साथ दो देवताओं को प्रसन्न कर सकते हैं. ऐसा मौका बहुत कम आता है. सावन में पड़ने वाला ये शनि प्रदोष व्रत बहुत शुभ दिन पड़ रहा है.


कैसे करें इस दिन पूजा? ( Kaise Karen Iss din Pooja? )



  • इस दिन सुबह भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा अर्पित करें.

  • भोलेनाथ का जल और दूध से अभिषेक करें.

  • पूजा के बाद प्रदोष व्रत की कथा करें.


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