Shani Dev, Mahima Shani Dev Ki : शनि देव की पूजा का विशेष योग बनने जा रहा है. पंचांग के अनुसार 24 जुलाई 2021, शनिवार को आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. इस दिन का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन शनि देव को शांत करने का एक महत्वपूर्ण योग बना हुआ है.


गुरु पूर्णिमा का महत्व (Guru Purnima 2021)
गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरुजनों को समर्पित है. इस दिन गुरुओं की विशेष पूजा और उपासना की जाती है. सभी धर्मों में गुरु का विशेष दर्जा प्रदान किया गया है. गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं होता है. ज्ञान से ही जीवन को सरल और सुंदर बनाया जा सकता है. 


आषाढ़ मास का समापन (Ashadh month 2021)
आषाढ़ मास का समापन शनिवार के दिन हो रहा है. 25 जुलाई 2021 से श्रावण यानि सावन मास का आरंभ होने जा रहा है. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है. सावन सोमवार में भगवान शिव की पूजा और अभिषेक करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं. सावन में शिव जी की पूजा करने से भी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.


शनि देव की पूजा (Shani Dev Ki Puja)
शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्यायाधीश माना गया है. शनि व्यक्ति को अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर ही फल प्रदान करते हैं. शनि देव कठोर परिश्रम के बाद ही फल प्रदान करते हैं. शनि देव व्यक्ति को सफलता प्रदान करने से पूर्व संघर्ष कराते हैं. संघर्ष के दौरान जीवन के सत्य को भी जानता है, और उसे सही और गलत का भेद ज्ञात होता है. शनि देव जब अशुभ होते हैं, तो शनि देव को शांत करना अतिआवश्यक हो जाता है. शनिवार के दिन पूजा और दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.


शनि की साढ़ेसाती (Shani Sade Sati)
धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को सेहत, धन, और व्यापार आदि से जुड़ी चीजों में भंयकर परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


शनि की ढैय्या (Shani Dhaiya)
मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. शनि की गति बहुत धीमी मानी गई है. शनि एक राशि से दूसरी राशि, में जाने पर करीब ढ़ाई वर्ष का समय लेते हैं. इस दौरान व्यक्ति को दांपत्य जीवन, लव रिलेशनशिप और करियर आदि में मुश्किलें पैदा करते हैं.


शनि वक्री 2021 (Shani Vakri 2021) 
शनि वर्तमान समय में वक्री अवस्था में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. 11 अक्टूबर को शनि मार्गी होंगे. शनि जब वक्री यानि उल्टी चाल चलते हैं तो पीड़ित हो जाते हैं. माना जाता है कि शनि को वक्री चाल चलने में बहुत दिक्कत होती है.


शनि के उपाय (Shani Ke Upay)
आषाढ़ मास के आखिरी शनिवार को शनि देव की पूजा का विशेष योग बना हुआ है. इस दिन शनि मंदिर में शनि देव के दर्शन कर पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही शनि चालीसा और शनि मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके साथ ही इन चीजों का दान करना चाहिए-



  • सरसों का तेल

  • काले तिल

  • काला छाता

  • काली उड़द की दाल

  • अनाज


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