Ashad Month 2021: आषाढ़ मास आरंभ हो चुका है. पंचांग के अनुसार बीते 25 जून 2021 से आषाढ़ मास का आरंभ हुआ था. आषाढ़ मास को हिंदू कैलेंडर के अनुसार चौथा मास माना गया है. जून माह के अंतिम 5 दिन और जुलाई के 25 दिन आषाढ़ मास के अंतर्गत आते हैं. पंचांग के अनुसार 25 जुलाई 2021 को आषाढ़ मास का समापन होगा. इस दिन पूर्णिमा की तिथि है. इस तिथि को आषाढ़ी पूर्णिमा भी कहते हैं. गुरु पूर्णिमा का पर्व भी इसी दिन मनाया जाता है. हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है.


आषाढ़ मास में ही चातुर्मास आरंभ होता है. चातुर्मास में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. चातुर्मास का प्रथम मास श्रावण का माना गया है. इसे सावन का महीना भी कहा जाता है. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है. आषाढ़ मास को ध्यान, योग और अध्ययन के लिए उत्तम माना गया है.


आषाढ़ी अमावस्या
आषाढ़ मास का विशेष धार्मिक महत्व है. इस मास में पड़ने वाली अमावस्या और पूर्णिमा को विशेष माना गया है. पितरों को श्राद्ध और तर्पण देने के लिए आषाढ़ अमावस्या विशेष माना गया है. इस मास के व्रत और पर्व जीवन में परेशानियों को दूर कर मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.


भगवान शिव और शिव जी की पूजा का महत्व
आषाढ़ मास में भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा को अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है. इस मास में पड़ने वाले एकादशी के व्रत और प्रदोष तथा मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है. इसके साथ ही गुप्त नवरात्रि को विशेष स्थान दिया गया है. आषाढ़ में योगिनी एकादशी का व्रत और देवशयनी एकादशी का व्रत उत्तम बताया गया है. 


आषाढ़ मास में क्या करें
आषाढ़ मास में वर्षा ऋतु भी आती है. इस मास में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए इस मास में उबला हुआ पानी पीने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए और दिनचर्या को अनुशासित बनाना चाहिए.