Nag Panchami Shubh Muhurt: नाग पंचमी का पर्व श्रावण मास यानि सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन नाग देव की पूजा की जाती है. नाग देव भगवान शिव के गले में विराजते हैं. नाग पंचमी सावन मास का एक महत्वपूर्ण पर्व है. आइए जानते हैं इस पर्व के बारे में.


नाग पंचमी के दिन व्रत रखकर नाग देवता की पूजा की जाती है. इस दिन विधि विधान से नाग पूजा करने से काल सर्प दोष दूर होता है. काल सर्प दोष जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में होता है वह व्यक्ति जीवन भर सफल होने के लिए संषर्घ करता है. राहु और केतु के कारण इस दोष का निर्माण होता है. नाग पंचमी की पूजा से राहु- केतु की अशुभता दूर होती है.


काल सर्प दोष का प्रभाव
मान्यता है कि व्यक्ति की जन्म कुंडली में काल सर्प दोष का निर्माण तब होता है जब व्यक्ति पिछले जन्म में नागों को नुकसान पहुंचाता है. काल सर्प दोष को ज्योषिश शास्त्र के सबसे अशुभ योगों में से एक माना गया है. काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति के जीवन में बाधाएं समाप्त नहीं होती हैं. शिक्षा, करियर, जॉब और बिजनेस में हमेशा परेशानी बनी रहती है. व्यक्ति को कोई भी चीज आसानी से प्राप्त नहीं होती है उसे हर चीज को पाने के लिए दूसरों की तुलना बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है.


नाग पंचमी की पूजा से दूर करे दोष
कालसर्प दोष को नाग पंचमी की पूजा से दूर किया जा सकता है. इस दिन जिन लोगों की जन्म कुंडली में काल सर्प दोष है वे इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव मंत्रों का जाप करें. इस दिन आठ नागों की पूजा करनी चाहिए. ये आठ नाग अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख है. इन अष्टनागों की पूजा करने से काल सर्प दोष का प्रभाव कम होता है.


पूजा विधि
नाग पंचमी के दिन पूजा के साथ ही व्रत का संकल्प लें और अपने हाथों से मिट्टी के नाग या चित्र बनाकर एक चौकी पर स्थापित करें. नाग देव की हल्दी, रोली, अक्षत और पुष्प अर्पित कर पूजा करें. इसके बाद कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर भोग लगाएं.  इसके बाद नाग की आरती उतारें और शिव आरती का पाठ करें.


नाग पंचमी की पूजा का समय
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त: 05:38:42 से 08:22:11 तक (25)
अवधि: 2 घंटे 43 मिनट


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