Chanakya Niti Hindi: चाणक्य नीति का जो भी व्यक्ति अध्ययन करता है और इन नीतियों को आत्मसात करते हुए अपने दैनिक कार्यों को पूर्ण करता है उसे कभी निराशा और दुख नहीं होता है. क्योंकि आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति व्यक्ति के लिए अंधकार में उजाले की तरह है. जीवन में हर व्यक्ति सफल होना चाहता है. लेकिन सफलता उसी को प्राप्त होती है जो नकल छोड़कर अक्ल से काम करता है. क्योंकि किसी भी कार्य को करने के लिए पहली शर्त समझदारी और दूसरी शर्त साहस है. जो लोग इन दोनों का संतुलन बनाकर कार्य करते हैं वह सदैव आगे बढ़ते हैं और अपने प्रतिभा से लोगों को चकित करते हैं.


चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को अपने भीतर छिपी शक्तिओं को पहचानना चाहिए. जब तक व्यक्ति अपनी क्षमता और प्रतिभा को नहीं जानेगा तब तक वह सफलता से दूर रहता है. इसलिए चाणक्य की इन बातों को जीवन में उतार लें.


साहसी व्यक्ति के पीछे दौड़ती है सफलता
व्यक्ति का सबसे बड़ा गुण है साहस. जब तक व्यक्ति साहसी नहीं होगा तब तक वह कोई भी कार्य में सफल नहीं हो सकता है. क्योंकि सफलता का पहला पायदान साहस है. साहस और सफलता में गहारा नाता है. व्यक्ति के जीवन में कई बार ऐसे अवसर आते हैं जब उसे साहस का परिचय देना होता है. सही समय पर जो व्यक्ति साहस के साथ आगे बढ़ता है, सफलता उसे कभी निराश नहीं करती है. सफलता के लिए साहस उतना ही जरूरी है जितना एक पुष्प के खिलने के लिए धूप का निकलना.


बिना समझदारी के सफलता कहां
जीवन में सफलता के लिए समझदारी के बिना संभव नहीं है. समझदारी का अर्थ है काल, परिस्थितियों को समझने की शक्ति और उसके अनुरूप अपनी क्षमताओं के अनुसार कार्य करने की योजना. समझदारी का संबंध योजना से है. किसी भी लक्ष्य को पूरा करने के लिए सबसे पहले उसकी रणनीति यानि योजना तैयार करनी पड़ती है. योजना बिना समझदारी के नहीं बनती है. समझदार व्यक्ति ही योजना बनाकर कार्य करते हैं. समझदार व्यक्ति हर स्थिति में अपने आप को संतुलित रखते हुए आग बढ़ते हैं. समझदार व्यक्ति दुखी होने पर अपना धैर्य नहीं खोते हैं. दूसरों पर क्रोध नहीं करते हैं और सदैव विनम्र रहते हुए अपने कार्य को करते रहते हैं. सही मायने में सफलता ऐसे ही लोगों को मिलती है.


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