Kisan Credit Card Scheme: भारत की आधी से ज्यादा आबादी कृषि के सहारे अपना जीवन यापन करती है. भारत सरकार भी किसानों को अलग-अलग योजनाओं के तहत लाभान्वित करती रहती है. भारत में बहुत से किसान पूर्ण रूप से संपन्न नहीं होते. सभी के आर्थिक स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं होती. ऐसे में इन किसानों को समय-समय पर आर्थिक सहायता की जरूरत पड़ती रहती है. 


किसी को देखते हुए साल 1988 में भारत सरकार ने आरबीआई और नाबार्ड साथ मिलकर नई योजना शुरू की थी. इस योजना का नाम था किसान क्रेडिट कार्ड योजना. इसके तहत किसानों को कम ब्याज दर पर लोन दिया जाता है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.  


क्या है किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम ?


किसानों को समय-समय पर खेती के अलग-अलग कामों के लिए पैसों की आवश्यकता पड़ती रहती है. किसी को देखते हुए सरकार में जरूरतमंद किसानों को लाभान्वित करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना चलाई है. इस योजना के तहत किसानों को सिर्फ 4% की ब्याज दर से 3 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है. लोन अमाउंट बढ़ने पर ब्याज दर बढ़ जाती है.


किसान क्रेडिट कार्ड पर नॉर्मल ब्याज प्रतिशत 9% होती है.लेकिन आप 3 लाख तक का लोन लेते हैं. तो केसीसी स्कीम के तहत इस पर सरकार की ओर से दो प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है. और आप एक साल से पहले ही चुका देते हैं तो फिर तीन प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि भी मिलती है. यानी आपके लोन का ब्याज में 4% हो जाता है. यह देश में किसानों के लिए सबसे सहज लोन स्कीम है.  


90 हजार किसानों को लाभ दिया जाएगा


2024-25 में बिहार के सहकारी बैंकों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत 90000 किसानों को लोन का लाभ देने का लक्ष्य तय किया गया है. साल 2023-24 में बैंकों द्वारा 80000 किसानों को लाभ देने का लक्ष्य तय किया गया था. तो वहीं इस बार इसमें 10000 का इजाफा हुआ है. किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत बिहार के सहकारी बैंकों द्वारा अगले 3 साल तक हर साल 10000 किसानों की वृद्धि की जाएगी. 


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