सौरमंडल के सबसे छोटे ग्रह बुध को लेकर एक नया शोध सामने आया है



वैज्ञानिकों के मुताबिक बुध ग्रह पर 18 किलोमीटर मोटी हीरे की परत हो सकती है



बुध का निर्माण 4.5 अरब साल पहले हुआ था



वैज्ञानिकों के मुताबिक इस ग्रह के बनने के बाद से ही हीरे का निर्माण शुरु हो गया था



इस नए बने ग्रह पर ग्रेफाइट की एक परत थी, जो गहरे मैग्मा महासागर के ऊपर तैर रही थी



एनविल प्रेस नामक मशीन के जरिए शोधकर्ताओं की एक टीम ने इस पर गहन रिसर्च किया है



एनविल प्रेस मशीन का उपयोग यह समझने के लिए कि दबाव में चीजें कैसै काम करती है



बेल्जियम विश्वविद्यालय के बर्नार्ड चार्लियर ने कहा की यह मशीन उच्च दबाव और छोटे नमूनों के समझने में सहायक है



शोधकर्ताओं ने एक कैप्सूल को पृथ्वी की सतह पर 70,000 गुना दबाव दिया



वैज्ञानिको का मानना है कि अरबों साल पहले बुध की स्थिति की यह एक नकल थी



शोधकर्ताओं ने कहा कि यह तंत्र हमें बुध की सतह के नीचे छिपे रहस्यों के बारे में बताता है