कबूतर को लेकर कहा जाता है कि ये जासूसी करने वाला पक्षी है

दरअसल, इसके पीछे एक ऐतिहासिक घटना है

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान कबूतरों पर छोटे कैमरे लगे हुए थे

उन्हें दुश्मन के इलाके में छोड़ दिया गया था

जब पक्षी दुश्मन के इलाके में उड़ रहा होता था

तो पक्षी के द्वारा फोटो या वीडियो बनाई जाती थी

इसी के साथ कबूतर मौसम की परवाह की बिना ही संदेश पहुंचा देता था

इस दौरान 95 फीसदी कबूतरों ने अपने टारगेट पूरा कर लिया थी

1950 के दशक में कबूतर का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जाता था

इस तरह कबूतर जासूसी के लिए जाना जाता है