सूरज नियमित रुप से रोज उगता और अस्त होता है

ऐसे में कई लोग सूरज ढलने पर भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाते हैं

इसे सन्डाउनिंग सिंड्रोम कहा जाता है

ये एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसके चलते पीड़ित के भाव बदल जाते हैं

ऐसे लोग सूरज ढलने पर दुख, अवसाद, चिंता आदि के शिकार होते हैं

ये एक मेंटल कंडीशन है जिसमें मरीज का मनोबल टूटने लगता है

डिमेंशिया और अल्जाइमर से पीड़ित लोग इसके शिकार होते हैं

सन्डाउनिंग सिंड्रोम के साथ व्यक्ति को घबराहट होने लगती है

कभी कभी लोग अपनी दिशा भी भूलने लगते हैं

कई लोगों को सूरज ढलने के साथ डर लगता है और बेचैनी होती है.