भारत को दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है इसका कारण यहां से दुनिया भर में सप्लाई होने वाली सस्ती दवाएं हैं

भारत से सस्ती यानी जेनेरिक दवाओं की सप्लाई आने वाले दिनों में बंद हो सकती है

इस वजह से पूरी दुनिया में लोगों के इलाज का खर्च बढ़ने वाला है

दवाओं की सप्लाई शॉर्ट होने से कीमतों में तेजी आने की आशंका है

स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवा कंपनियों के लिए कुछ नियम बनाए हैं

इस वजह से सस्ती दवाएं बनाने वाली छोटी कंपनियों की फैक्टरी बंद हो सकती है

स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवा फैक्टरियों के काम-काज करने के तरीके ‘शेड्यूल-एम’ का नोटिफिकेशन जारी किया है

इसमें बताया गया है कि दवा कंपनियों के पास कितना बड़ा दफ्तर हो, कितनी बड़ी फैक्टरी हो, कौन से प्लांट और कौन से इक्विमेंट इस्तेमाल करने चाहिए

इसके साथ ही दवा उत्पादन के लिए अच्छी प्रैक्टिस कौन सी हैं, इसकी भी जानकारी दी गई है

दवा कंपनियों को हर साल क्वालिटी रिव्यू और क्वालिटी रिस्क मैनेजमेंट का रिव्यू भी करना होगा