कोहिनूर एक बेशकीमती खास हीरा है

कहा जाता है कि इसको गोलकुंडा की खान से निकाला गया था

कई बादशाहों और राजाओं से होते हुए कोहिनूर लंदन पहुंच गया

अलाउद्दीन खिलजी के पतन के बाद यह हीरा इब्राहिम लोदी के पास चला गया

बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराकर कोहिनूर पर कब्जा कर लिया

बाबर ने इस हीरे को बाबर का हीरा नाम दिया था

कोहिनूर मुगलों के पास 150 साल तक रहा

शाहजहां ने तो तख्त-ए-ताऊस पर इसे लगवाया था

मुगलों के बाद दिल्ली पर नादिरशाह ने राज किया

नादिरशाह ने इस हीरे को कोहिनूर नाम दिया जिसे आज भी कोहिनूर के नाम से जाना जाता है