करते समय मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए.
रखती है और सकारात्मकता लाती है.
लेकिन पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में सीट रखना वास्तु के अनुसार सही नहीं माना जाता है.
क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को कम करता है.
होना चाहिए ताकि अच्छी रोशनी और हवा का प्रवाह बना रहे.
एक एग्जॉस्ट फैन का उपयोग किया जा सकता है.
जिससे खराब हवा को बाहर निकालने में सहायक हो.
तो हमेशा दरवाजा बंद रखें ताकि ऊर्जा का आदान-प्रदान न हो.
और ब्रह्म स्थान पर टॉयलेट बनवाना उचित नहीं है.