रामनवमी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है



क्योंकि रामनवमी के अवसर पर रामलाल को सूर्य अभिषेक दिया जाएगा



सीबीआरआई के विशेषज्ञ भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान-बेंगलुरु के वैज्ञानिकों अयोध्या आ चुके है



उन्हें मंदिर के भूतल पर एक ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम लगाना है



17 अप्रैल को दोपहर में 'सूर्य अभिषेक' का उपहार दिए जाने की उम्मीद हैं



सूर्य की किरणों को ऑप्टिकल उपकरणों की एक श्रृंखला से कैप्चर और डायवर्ट किया जाएगा



चार मिनट तक सूर्य की किरणें रामलला के माथे पर 75 मिलीमीटर तक गोलाकार रूप में चमकती रहेंगी



सूर्य अभिषेक की प्रक्रिया मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद शुरू करने की थी



लेकिन साधु-संतों के अनुरोध के बाद रामनवमी पर 'सूर्य अभिषेक' की व्यवस्था की गई.