अनुपमा बन रुपाली गांगुली ने घर-घर में एक अलग पहचान बना ली है

हालांकि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए रुपाली ने काफी मेहनत की है

हाल ही में एक इंटरव्यू में रुपाली ने कहा कि टीवी के दिन भी बहुत संघर्ष भरे थे

मुझे घर चलाना होता था, इसलिए जो भी काम मिलता था, मैं कर लेती थी

खासतौर पर बंगाली कम्युनिटी में लोग इसे नीची नजर से देखा करते थे

ऐसे में आप एक तरह से आउटकास्ट हो जाते हैं

लोगों को मुझ पर दया आती थी क्योंकि मैं टीवी में काम कर रही थी

मुझे इस सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि उन दिनों हमें घर का खर्च चलाना होता था

रुपाली इतनी मेहनत अपने पिता के इलाज के लिए करती थीं

क्योंकि वो अपने पिता का इलाज किसी सरकारी अस्पताल में नहीं बल्कि लीलावती जैसे अस्पताल में करवाना चाहती थीं