आने वाले 20 सालों में लोग आकाश में चमकने वाले ढेर सारे तारे नहीं देख पाएंगे.



ब्रिटिन में रहने वाले खगोलशास्त्री ने यह दावा किया है.



ब्रिटिश खगोलशास्त्री (साइंटिस्ट/एस्ट्रोनॉमर) मार्टिन रीस ने लाइट पॉल्यूशन को इसकी वजह बताया है.



एस्ट्रोनॉमर मार्टिन का कहना कि लाइट पॉल्यूशन के कारण आकाश का रंग धुंधला हो रहा.



साइंटिस्ट्स के मुताबिक, लाइट पॉल्यूशन के बाद अब आकाश का रंग काला नहीं हल्का ग्रे दिखता है. और, कुछ ही तारे दिखाई देते हैं.



लाइट पॉल्यूशन आर्टिफिशियल लाइट, मोबाइल-लैपटॉप जैसे गैजेट्स, शोरूम्स के बाहर लगी LED, कार की हेडलाइट या फिर होर्डिंग्स की तेज रोशनी के कारण होता है.



साइंटिस्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में लाइट पॉल्यूशन बढ़ा है. हर साल नाइट स्काई ब्राइटनेस 10% बढ़ रही है.



साइंटिस्ट्स ने 2016 में कहा था कि लाइट पॉल्यूशन के कारण दुनिया की एक तिहाई से ज्यादा आबादी को आकाशगंगा (मिल्की वे) दिखाई नहीं देतीं.



लाइट पॉल्यूशन से इकोलॉजिकल खतरा भी है. इससे दुनिया में कीड़े-मकोड़े अकाल मौत मर रहे हैं.



पहले रात को भारत में लोगों को खूब जुगनू (Firefly) दिखते थे, लेकिन अब ये देखने को नहीं मिलते.