जो सऊदी अरब के मक्का में मस्जिद अल-हरम के केंद्र में स्थित एक घनाकार इमारत है.
दुनिया भर के मुसलमान अपनी नमाज काबा की ओर रुख करके अदा करते हैं.
तवाफ नामक रस्म में इसकी सात बार परिक्रमा की जाती है.
ऐसा माना जाता है कि यह जन्नत से आया है. इस वजह से मुसलमान काबा के पत्थर को चुमते हैं.
यह पत्थर पूजा करने के लिए नहीं, बल्कि पैगंबर मुहम्मद के प्रति सम्मान दिखाने और अल्लाह के प्रति समर्पण व्यक्त करने का एक तरीका है.
जो अपने गुनाहों से माफी पाने की उम्मीद के साथ किया जाता है.
के दिन उस व्यक्ति की गवाही देगा जिसने सच्चे दिल से इस पत्थर को छूआ होगा और माफी मांगी होगी.
एकता और ईमान का प्रतीक माना जाता है.
जो विदाई हज के नाम से जाना जाता है.