7 जून को ईद उल अजहा का त्योहार मनाया गया.



दुनिया भर के मुसलमानों ने इस मौके पर जनवारों की कुर्बानी दी.



जनवारों की कुर्बानी देने से पहले मुस्लिम लोग नमाज अदा करते हैं.



जनवारों की कुर्बानी देने के बाद गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है.



जिसमें पहला हिस्सा जनवार की कुर्बानी देने वाले का होता है.



दूसरा हिस्सा उसके रिश्तेदार और करीबीयों का होता है.



तीसरा हिस्सा गरीब को दान करने और बांटना के लिए होता है.



ऐसे में एक सवाल क्या गैर मुस्लिम को कुर्बानी का गोश्त दे सकते हैं?



इसका जवाब है हां. कुर्बानी का गोश्त गैर मुसलमानों को दे सकते हैं.