हर धर्म में शादी करने का प्रावधान है.



विवाह आपको साथी प्रदान करता है, जो अकेलेपन से दूर रखता है.



इस्लाम धर्म में शादी करना अच्छा माना जाता है.



इस्लाम धर्म में शादी को बढ़ावा भी दिया जाता है.



पैगंबर मुहम्मद ने खुद विवाह किया था और अपने अनुयायियों को इसका पालन करने को कहा है.



इस्लाम धर्म के मुताबिक निकाह आपको संयम और संतुलन रखता है.



ऐसे में इस्लाम में कुंवारा कोई अपनी मर्जी से ही रह सकता है.



हालांकि इस्लाम कुंवारा रहने या बिना शादी के जीवन व्यतीत को बढ़ावा नहीं देता है.



इस्लाम धर्म में शादी करने को बढ़ावा दिया जाता है.