किसी के मन को अशांत करना हिंसा की श्रेणी में आता है.



संताप (दुख, दर्द या पीड़ा) देना भी हिंसा मानी जाती है.



किसी को रोगी बनाना भी गलत है.



शरीर से रक्त निकालना भी हिंसा है.



किसी की बुराई या चुगली करना भी हिंसा मानी जाती है.



किसी को नुकसान पहुंचाना भी हिंसा है.



किसी व्यक्ति को अपनी वाणी से पीड़ा देना भी हिंसा की श्रेणी में आता है.



किसी को अकारण कैद में रखना भी हिंसा है.



किसी को प्राणदंड देना भी हिंसा है.