इडियट सिंड्रोम का शिकार वाले मरीज अक्सर इंटरनेट सर्च के आधार पर

खुद ही बीमारी का पता लगाते हैं जिससे वे या तो सही इलाज नहीं करवा पाते हैं

या खुद ही इलाज कर हानिकारक परिणामों का शिकार हो जाते हैं

इसका मतलब यह नहीं है कि इंटरनेट हेल्थ से जुड़ी समस्याओं में

आपके लिए मददगार साबित नहीं हो सकता है

इंटरनेट के उपयोग से ध्यान की कमी हो सकती है

सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स पर अपडेट और नोटिफिकेशन के चलते

लोगों का ध्यान भटक जाता है इस तरह की आदतें लोगों की

क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं

जिससे इडियट सिंड्रोम जैसी समस्याओं का विकास हो सकता है